दुबई 9 मार्च (वी नआई) भारतीय क्रिकेट का सितारा फिर से बुलंदियों पर है और इसका सबसे बड़ा श्रेय जाता है कप्तान रोहित शर्मा को, जिनकी नेतृत्व क्षमता और क्रिकेटिंग समझ ने टीम इंडिया को एक और गौरवशाली जीत दिलाई। उनकी कप्तानी में भारत ने नौ महीने पहले टी20 वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा था और अब चैंपियंस ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाकर वनडे फॉर्मेट में अपनी बादशाहत साबित कर दी।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर 12 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया। यह जीत सिर्फ एक खिताब नहीं, बल्कि 25 साल पहले इसी टूर्नामेंट के फाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार का बदला भी थी। भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया और एक भी मैच गंवाए बिना ट्रॉफी पर अपना नाम दर्ज करवा लिया।
रोहित शर्मा ने इस फाइनल में अपने बल्ले का दम दिखाया और 76 रनों की शानदार पारी खेलकर भारत की जीत की नींव रखी। लंबे समय से फाइनल मुकाबलों में बड़ी पारी खेलने का इंतजार कर रहे हिटमैन ने इस बार अपनी आक्रामक शैली में बल्लेबाजी कर टीम को मजबूत शुरुआत दी। शुभमन गिल के साथ उनकी शतकीय साझेदारी ने न्यूजीलैंड को बैकफुट पर धकेल दिया।
भारतीय गेंदबाजों, खासकर स्पिनर्स ने भी कमाल किया। कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की शानदार गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया। हालांकि भारत ने इस फाइनल में कुछ कैच छोड़े, लेकिन गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी ने न्यूजीलैंड को सिर्फ 251 रन तक सीमित कर दिया।
रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया का यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारत न केवल विश्व क्रिकेट का पावरहाउस है, बल्कि अब किसी भी परिस्थिति में जीत हासिल कर सकता है
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