नई दिल्ली, 01 जून, (वीएनआई) लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नई सरकार ने कमान संभाल ली है। वहीं नई सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना मोदी कैबिनेट में कम अहमियत वाला भारी उद्योग मंत्रालय मिलने पर कुछ नाराज है।
शिवसेना के कुछ नेताओं ने कहा, हमें इस बार भारी उद्योग मंत्रालय नहीं बल्कि रेलवे या फिर नागरिक उड्डयन जैसे मंत्रालय मिलने की उम्मीद थी। पार्टी एक नेता ने कहा, हम भाजपा के बाद एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं, और हम इतने लंबे समय तक उनके सहयोगी रहे हैं। ऐसे में हम ज्यादा बेहतर की उम्मीद कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बनी नई सरकार में शिवसेना के मुंबई दक्षिण से सांसद बने अरविंद सावंत को केवल एक मंत्रालय भारी उद्योग मंत्रालय दिया गया है।पार्टी नेताओं को उम्मीद थी कि इस बार शिवसेना को दो से तीन मंत्रालय मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गौरतलब है मोदी मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के बाद इसमें शामिल 57 मंत्रियों के विभागों का बंटवारा शुक्रवार को कर दिया गया। इसी के साथ सभी मंत्रियों ने अपने-अपने मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालना भी शुरू कर दिया है। हालांकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही एनडीए में शामिल कुछ सहयोगी मंत्रालय में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। वहीं जेडीयू के बाद शिवसेना ने भी मोदी कैबिनेट में कम अहमियत वाला भारी उद्योग मंत्रालय मिलने पर इशारों में बीजेपी आलाकमान से अपनी नाराजगी का इजहार कर दिया है।
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