नई दिल्ली, 20 सितम्बर, (वीएनआई) बहुजन समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
गौरतलब है मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कमलनाथ बीते कई महीने से बसपा के संपर्क में थे। उन्हें उम्मीद थी कि वह मायावती के साथ गठजोड़ करने में कामयाब रहेंगे, लेकिन आखिरकार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिहाज से बसपा का अकेले चुनाव मैदान में उतरना कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है। इस बार अगर दोनों दल गठजोड़ करके लड़ते तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती थी, क्योंकि इस बार शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इनकमबैंसी पिछले चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा है।
बताया जा रहा है मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बसपा लंबे समय से ताकतवर रही है। चंबल और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे इलाकों में बसपा काफी मजबूत मानी जाती है। बसपा की मध्य प्रदेश में मजबूत स्थिति के पीछे सबसे अहम कारण है- एमपी में 15 प्रतिशत दलितों की मौजूदगी। कुल मिलाकर देखें तो राज्य के करीब 22 जिलों में बसपा का खास प्रभाव है।
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