नई दिल्ली, 3 सितम्बर (वीएनआई)| कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्रियों को हटाकर अपनी 'भारी भरकम विफलता' को स्वीकार किया है।
मनीष तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, असली कहानी हटाए जाने की है और यही वह मुकाम है जहां सरकार द्वारा अपनी बहुत बड़ी विफलता को स्वीकार किया जाना सामने आता है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी, श्रम मंत्री बंगारू दत्तात्रेय, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री कलराज मिश्रा को उनके मंत्रालयों से हटाए जाने का मतलब है कि कोई कौशल विकास, कोई रोजगार सृजन नहीं हुआ है और इसके अतिरिक्त एमएसएमई का सफाया हो चुका है।
तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि जिन लोगों को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उन्हें 'खास आदमी' (वीआईपी) के लिए काम करने का इनाम दिया गया है। उन्होंने कहा, "पेट्रोलियम मंत्री ने बीते 38 महीनों में 'आम आदमी' की सेवा नहीं की है। यह साफ है कि उन्होंने कुछ 'खास आदमियों' की सेवा की है, जिसकी वजह से उन्हें पदोन्नति दी गई है। उन्होंने कहा, "और अगर बात ऊर्जा मंत्री की है तो ऊर्जा मंत्री भाजपा के कोषाध्यक्ष भी हैं, इसलिए जाहिर है कि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया होगा।
गौरतलब है पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी व वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण को रविवार को हुए मोदी मंत्रिमंडल के फेरबदल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के तौर पर नौ मंत्रियों को शामिल किया गया है।
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