नई दिल्ली, 22 मई, (वीएनआई) लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ईवीएम पर मचे हंगामे को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए विपक्ष से कुल 6 सवाल पूछे हैं।
गौरतलब है विपक्षी दलों द्वारा बार-बार ईवीएम पर सवाल उठाए जाने के बीच अब भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। शाह ने सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों से कुल 6 सवाल पूछे हैं। इनमें उन्होंने ईवीएम के विरोध को देश की जनता के जनादेश का अनादर बताया गया है। साथ ही शाह ने लिखा है कि 22 विपक्षी पार्टियां ऐसा हार की बौखलाहट में कर रही हैं।
अमित शाह द्वारा पूछे गए 6 सवाल इस प्रकार है :-
पहले सवाल में पूछा कि EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। अगर उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों संभाला?
दूसरे सवाल में पूछा कि देश की सर्वोच्च अदालत ने 3 से ज्यादा पीआईएल का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें कि हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वीवीपैट को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर भी प्रश्न चिह्न लगा रहे हैं?
तीसरे सवाल में पूछा कि मतगणना के सिर्फ 2 दिन पहले 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग पूर्णतः असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना मुमकिन नहीं है।
चौथे सवाल में पूछा है कि विपक्ष ने ईवीएम के विषय पर हंगामा 6 चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एग्जिट पोल के बाद यह और तेज हो गया। एग्जिट पोल ईवीएम के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। इस तरह एग्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?
पांचवे सवाल में पूछा है कि ईवीएम में गड़बड़ी के विषय पर प्रोऐक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। लेकिन उसे किसी ने स्वीकार नहीं किया। इसके साथ ही शाह ने यहां वीवीपैट का भी जिक्र किया जिसके आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?
छठे सवाल में पूछा है कि कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर ‘हथियार उठाने’ और 'खून की नदियां बहाने' जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे है। उन्होंने पूछा कि विपक्ष ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है? शाह ने लिखा कि चुनाव का जो भी परिणाण आए, उसे सभी को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि यह देश के 90 करोड़ मतदाताओं का जनादेश होगा।
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