केजरीवाल सरकार ने बिजली कटौती को लेकर अंबानी को लिखा खत

By Shobhna Jain | Posted on 15th Jun 2016 | राजनीति
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नई दिल्ली 15 जून (वीएनआई) दिल्ली बिजली आपूर्ति की समस्या को लेकर केजरीवाल सरकार ने रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को कड़ी चेतावनी देते हुए खत लिखा है बिजली वितरण प्रणाली में खामियां दूर करने में बीएसईएस पावर और बीएसईएस राजधानी कंपनियों की नाकामी का हवाला देकर कंपनियों के चयेरमेन अनिल अंबानी को दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने चिट्ठी लिखकर अगले हफ़्ते मीटिंग के लिए बुलाया है. आम आदमी पार्टी के ट्विटर पर पोस्ट की गई इस चिठ्ठी में दिल्ली में बिजली आपूर्ति की बिगड़ती स्थिति और सरकार की पिछली चेतावनियों का ज़िक्र भी किया गया है. ऊर्जा मंत्री ने लिखा है,कि कंपनियों के अधिकारियों को लगातार चेतावनी दी गई लेकिन उन्होंने या तो इसे नज़रअंदाज़ किया या वो इन गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के काबिल ही नहीं हैं."हो सकता है कि पूर्व की सरकारों के साथ आपके अच्छे संबंध रहे हों लेकिन वर्तमान सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है." पत्र में यह भी कहा गया है कि बीएसईएस बिजली आपूर्ति को लेकर दिल्ली वालों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही है। साथ ही कंपनी की कार्यप्रणाली में भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताएं भी पाए जाने की बात कही गई है। जैन ने कहा कि आपकी कंपनी को 14 साल पहले दिल्ली की बिजली वितरण प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाते हुए कम कीमत पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर दिल्ली को दुनिया के अन्य देशों की राजधानियों से बेहतर बनाने की अपेक्षा से जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन बीएसईएस इसमें पूरी तरह से नाकाम रही है। जैन ने अंबानी से स्पष्ट शब्दो मे कहा कि मौजूदा परिस्थितियों से स्पष्ट है कि कंपनी के मैनेजर और इंजीनियर स्थिति को काबू में करने के लिए सक्षम नहीं है। ऐसे में एक निर्वाचित सरकार मूकदर्शक बन कर नहीं बैठ सकती है। इसके मद्देनजर जैन ने अंबानी को परिस्थितियों दुरुस्त करन की ठोस कार्ययोजना के साथ अगले एक सप्ताह में मिलने के लिए कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है, "दिल्ली की वर्तमान सरकार कड़ी कार्रवाई करने में हिचकेगी नहीं." गौरतलब है कि सस्ती बिजली की दरों को लेकर 'आप' के नेता अरविंद केजरीवाल सत्ता में आए थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की सरकार के साथ बिजली वितरण कंपनियों की साठगांठ का आरोप भी लगाया था.जब वो मुख्यमंत्री बने, तो बिजली के एक हद तक इस्तेमाल पर, उन्होंने दरें लगभग आधी कर दीं. लेकिन तबसे सब्सिडी बिजली कंपनियों के खाते में जा रही है. मालूम हो कि कि बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस, रिलायंस एडीए ग्रुप के अंतर्गत आती है.

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