नई दिल्ली, 03 मई, (वीएनआई) भारत ने शक्सगाम घाटी के कब्जे वाले क्षेत्र में सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करके "जमीनी तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों" पर चीन को लताड़ा है।
भारत ने कहा कि यह हमारा हिस्सा है। यह बयान वास्तविक नियंत्रण रेखा के लद्दाख सेक्टर में भारत-चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध की पृष्ठभूमि में आया है। जिसने द्विपक्षीय संबंधों को छह दशक के निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। भारतीय पक्ष ने कहा है कि एलएसी पर शांति की बहाली के बिना द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य नहीं किया जा सकता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शक्सगाम घाटी को लेकर कहा कि भारत ने 1963 के तथाकथित चीन-पाकिस्तान सीमा समझौते को कभी स्वीकार नहीं किया है। जिसके माध्यम से पाकिस्तान ने अवैध रूप से इस क्षेत्र को चीन को सौंपने का प्रयास किया था। उन्होंने आगे कहा कि हमने जमीनी स्तर पर तथ्यों को बदलने के अवैध प्रयासों के खिलाफ चीनी पक्ष के साथ अपना विरोध दर्ज कराया है। हम अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने का अधिकार भी सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शक्सगाम घाटी भारत के क्षेत्र का हिस्सा है। देश ने लगातार चीन पाकिस्तान सीमा समझौते को अस्वीकार कर दिया है। यह एक जटिल मुद्दा है।
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