साबरकांठा 4 नवंबर (वीएनआई) गुजरात मे एक अनूठा बैंक ्चल रहा है जिसके ग्राहक सिर्फ 18 साल तक की उम्र के बच्चे ही हैं क्योकि इससे 18 वर्ष का होने पर बच्चों को अपनी जमा रकम लेकर बैंक से बाहर होना पड़ता है. उनका खाता बंद कर दिया जाता है, साबरकांठा में पिछले छह साल से चल रहे बाल गोपाल बैंक मे सात हजार सदस्य हैं, और बैंक की जमापूंजी तीन करोड़ 6 लाख रुपये के पार पहुंच गई है
दरअसल इस बैंक का मकसद बच्चों में बचत की आदत डालना है. इस बैंक की एक खासियत यह है कि है कि यहां बच्चों को बैंक नहीं जाना पड़ता. हर महीने 10 तारीख को बैंक के लोग बच्चों के घर आते हैं और पैसे जमा कर लेते हैं. ‘द बाल गोपाल बचत एवं ऋण सहकारी मंडली नाम की संस्था यह बैंक चलाती है
गुजरात के साबरकांठा और अरवल्ली ज़िले में काम कर रहे अश्विन पटेल इस बालगोपाल कोऑपरेटिव बैंक के फ़ाउन्डर और चेयरमैन हैं, पांच बच्चों से शुरू हुआ बाल गोपाल कोऑपरेटिव बैंक आज इन ज़िलों के घर-घर तक पहुंच गया है. बैंक बच्चों को एक ख़ास क़िस्म की बचत पेटी देता है.हर महीने बैंक का कलेक्शन एजेन्ट घर आता है, जो बच्चे और माता-पिता की उपस्थिति में पेटी खोलता है और उसमें से निकलने वाले पैसे की पास बुक में एन्ट्री करता है. इस जमा पर बैंक सालाना आठ प्रतिशत ब्याज भी देता है.ज़रूरत पड़ने पर जमा राशि के 80 प्रतिशत तक ओवरड्राफ़्ट भी दिया जाता है.एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बैंक की अस्सी से ज्यादा कलेक्शन एजेंट हाउस वाइफ़ हैं, जिन्हें कलेक्शन पर चार प्रतिशत कमीशन भी दिया जाता है. इस बैंक का खातेदार जब 18 साल का होता तो उसे जमा राशि ब्याज सहित लौटा दी जाती है, अबतक लगभग एक हजार बच्चे अपनी मैच्योर राशि लेकर संस्था से जा चुक हैं
इस बैंक से अभी तक कई बच्चों ने अपनी बचत से ही उच्च शिक्षा के लिये 5 लाख तक का लोन भी प्राप्त किया है