ईश्वर परिंदों से प्रेम करता है और उसने पेड़ बनाये ,आदमी भी परिंदों से प्रेम करता है और उसने पिंजरे बनाये
परिंदे जिस तरह दुनिया को देख पाते हैं, हम नहीं देख पाते ,जो क़हानियाँ सुनाने के लिए उनके पास हैं हमारे पास कतई नहीं
तूफ़ान के बाद परिंदे चहचहाते हैं ,इंसान को इससे कुछ सीखना चाहिए