नई दिल्ली, 16 दिसंबर, (वीएनआई) जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।
शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह की याचिका पर कहा कि वह इस मामले की कल सुनवाई करेगी लेकिन उससे पहले हिंसा रुकनी चाहिए। वहीं मुख्य न्यायधीश ने हिंसा की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हिंसा हर हाल में रुकनी चाहिए। सीजेआई एस ए बोबडे ने कहा, अगर आप हमारे पास समाधान के लिए आए हैं तो आपको शांति से अपनी बात रखनी होगी। अगर प्रदर्शनकारी बने रहना चाहते हैं तो आप वही करें। हम अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह जंग के माहौल में नहीं हो सकता। पहले यह हिंसा समाप्त होना चाहिए उसके बाद ही हम स्वत: संज्ञान लेंगे। इससे पहले वकील जयसिंह ने अपनी याचिका में चीफ जस्टिस एसए बोबडे के सामने दलील रखी कि पूरे देश में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। साथ ही याचिकाकर्ता ने पुलिस द्वारा हिंसा का कथित विडियो होने की भी बात कही।
इसके आलावा दिल्ली हाईकोर्ट में भी इस मामले पर याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि न्यायिक जांच के माध्यम से जामिया मामले में हस्तक्षेप किया जाए। याचिका में आगे कहा गया है कि हिरासत में लिए गए 52 छात्र और घायल छात्रों को उचित चिकित्सा और मुआवजा दिया जाना चाहिए। हालाँकि दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं से कहा है कि रजिस्ट्री के माध्यम से कोर्ट आएं।
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