नई दिल्ली, 10 जनवरी, (वीएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने आज जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लगी पाबंदियों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी पाबंदियों पर सात दिनों में समीक्षा हो।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी.आर गवई की तीन सदस्यीय बेंच ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक आवश्यक तत्व है। इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (क) के तहत एक मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि इंटरनेट की अधिकार अभिव्यक्ति के अधिकार की तरह ही है।
गौरतलब है बता दें कि केंद्र की सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का ऐलान किया था। सरकार ने राज्य से आर्टिकल 370 खत्म कर इसे दो केंद्र शासित राज्यों में बांटने का फैसला किया था।
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