्मुबंई,3 मई (वीएनआई) मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक पर समुद्र के ठीक सामने बनी एक इमारत दुनिया मे अपनी तरह की पहली इमारत है जहा जाने माने दिग्गज खिलाड़ियो का बसेरा है . सहकारी बहु मंजिला इमारत 9 ए के फ्लेट उन लोगों के हैं जिन्होंने खेलों में देश का गौरव बढ़ाया। इस इमारत का नाम है स्पोर्ट्सफील्ड .
नाम के अनुसार ही यह सोसाइटी में सिर्फ खिलाडियों के ही बनी थी और इस समय भी यहां आपको ज्यादातर खिलाडी या उनके परिवार ही रहते मिलेंगे।
शुरुआत में यहां सिर्फ खिलाडियों को ही फ्लैट बांटे गए थे लेकिन समय के साथ ज्यादा ऊंचे रहन सहन में पहुंच जाने या किन्हीं दूसरे कारणों से कुछ खिलाडियों ने अपने फ्लैट बेच दिए जिसके बाद यहां आपको कुछ बाहरी लोग भी अब इन फ्लैटों में रहने लगे हैं।
क्या आप विश्वास करेंगे कि इस 9 मंजिला इमारत में एक समय 12 टेस्ट क्रिकटर रह चुके हैं जिनमें से 6 ने तो भारत की टेस्ट में कप्तानी भी की है। इसके अलावा भी अलग अलग खेलों के कई मशहूर खिलाड़ी आज भी इन्ही फ्लैटों में रहते हैं।
ऐसी इमारत बनाने का विचार किसका था ? इसका जवाब है कि इस इमारत को बनाने का विचार भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का था। आज खिलाडी चाहे ढेरों पैसे कमा रहे हों लेकिन पहले किसी भी खेल में इतने पैसे नहीं होते थे। अजीत वाडेकर की सोच थी कि अगर कई क्रिकेटर मिल जाएं तो अपेक्षाकृत कम कीमत पर एक प्लाट खरीदा जा सकता है फिर उस पर सोसाइटी बनाकर खिलाड़ी अपने अपने पैसों से फ्लैट बनवा लें। इससे कम खर्च में एक अच्छा फ्लैट बन जायेगा।
उन्होंने क्रिकेटरों के साथ दूसरे खेल के खिलाडियों को भी इसमें जोड़ा और बड़ी मेहनत के बाद साल 1987 में यह इमारत बनकर तैयार हो गयी थी।
इस प्रोजेक्ट से जुड़े पहले खिलाडी भारत के दिग्गज टेस्ट क्रिकटर सुनील गावस्कर थे जिन्होनें अपना पहला टेस्ट भी अजीत वाडेकर की कप्तानी में खेला था। करोड़ों रुपए कमाने के बावजूद वे आज भी इसी ईमारत की सेकंड फ्लोर पर रहते हैं और उनसे ऊपर टॉप फ्लोर पर अजीत वाडेकर रहते हैं। इन दोनों के अलावा इस इमारत में 1959 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट खेले जी एस रामचंद्र का परिवार, वीनू माकंड के बेटे और टेस्ट खिलाडी अशोक माकंड का परिवार, (उनकी पत्नी निरुपमा एक समय भारत की सबसे अच्छी टेनिस खिलाडी थीं), पाली उमरीगर, बापू नादकर्णी, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री, उमेश कुलकर्णी, एकनाथ सोलकर, मशहूर बिलयर्ड खिलाड़ी विलसन जोंस, 1980 मास्को ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य एमएम सोमैया और भूतपूर्व बैडमिंटन खिलाडी प्रदीप गांधी भी रहते हैं। इनमें से कुछ का देहांत हो चूका है लेकिन उनका परिवार अभी भी इसी बिल्डिंग में रहता है। ये तो सिर्फ कुछ नाम हैं, यहां आपको रणजी ट्रॉफी खेल चुके कई खिलाडी भी मॉर्निग वाक करते दिख सकते हैं।
हर कोई मुंबई मशहूर फिल्मस्टारों के घर या उन्हें देखने ही जाता है लेकिन खेलप्रेमियो और विशेष रूप से क्रिकेट के शौकी्नो केलिये तो यह इमारत किसी दुर्लभ इतिहास से कम नहीं है।