नई दिल्ली, 06 नवंबर, (वीएनआई) केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच मतभेद की खबरें सार्वजनिक होने के बाद पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आरबीआई गाड़ियों में लगे सीट बेल्ट की तरह है, इसके बिना आप एक्सीडेंट के शिकार बन सकते हैं।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक निजी चैनल से बात करते हुए ने कहा कि केंद्रीय बैंक के महत्व को बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरबीआई को राष्ट्रीय संस्था के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए। राजन ने आगे कहा कि पिछले दिनों जिस तरह से वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच तकरार की खबरें सामने आई उन्हें अब और आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। रघुराम राजन ने कहा कि एक बार जब आप गवर्नर या डिप्टी गवर्नर नियुक्त कर लेते हैं, तो आपको उनकी बात सुननी चाहिए। उन्होंने आरबीआई की स्वायत्तता के समर्थन में विरल आचार्य की चेतावनी की भी सराहना की है।
राजन ने आगे कहा कि अगर दोनों पक्ष एक-दूसरे के इरादे का सम्मान करते हैं तो वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच चल रहे मतभेद को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार को केंद्रीय बैंक के सामने अपनी बात रखनी चाहिए उसके बाद फैसला केंद्रीय बैंक पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरबीआई बोर्ड का उद्देश्य संस्था की रक्षा करना है ना कि किसी दूसरे के हितों के हिसाब से चलना या फिर उनकी सेवा करना है। अगर सरकार कोई फैसला लेने को कह रही है तो आरबीआई के पास इसके इनकार का अधिकार है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक पर दबाव डालना या फिर मतभेद रखना किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मुद्रास्फीति और सरकार के मामले में भारत एक बेहतर स्थिति में है। मुद्रास्फीति को कम रखने का पूरा श्रेय कहीं न कहीं आरबीआई को दिया जाना चाहिए।
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