नई दिल्ली, 10 दिसंबर, (वीएनआई) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मानवाधिकार दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कहा मानवाधिकारों में हमारी असफलता महिलाओं के खिलाफ हिंसा का कारण है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में एनएचआरसी द्वारा आयोजित मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में हिंसा की दुर्भाग्यपूर्ण श्रंखला ने हमें फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम एक समाज के रूप में समान अधिकारों और महिलाओं की समान गरिमा के अपने दृष्टिकोण पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध की घटनाएं देश के कई हिस्सों में होती हैं यह केवल एक देश तक सीमित नहीं है।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि दुनिया के कई देशों में लोग असुरक्षित हैं और उनके मानवाधिकारों का उलंघन हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, इस मानवाधिकार दिवस मनाने का आदर्श तरीका यह होगा कि हम दुनिया को यह स्पष्ट करें कि हमें घोषणा पत्र के शब्द और आत्मा को जीने के लिए क्या करने की जरूरत है। उन्होंने कहा इस तरह के आत्मनिरीक्षण के साथ-साथ मानवाधिकारों की धारणा का विस्तार करने की जरूरत हैं। साथ में हमें सहानुभूति और कल्पना की जरूरत है।
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