नई दिल्ली, 15 अगस्त, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश आज स्वतंत्रता दिवस की 72वीं वर्षगांठ पर लाल किले से देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से यह पांचवा भाषण था।
पहली बार पीएम मोदी ने लाल किले से देश को प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 में संबोधित किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री आज सफेद रंग के कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा व भगवा रंग की पगड़ी में नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज देश आत्मविश्वास के साथ भरा हुआ है, आज का सूर्योदय एक नई चेतना, नया उमंग, नया उत्साह, नई ऊर्जा को लेकर आया है। एवरेस्ट विजय तो बहुत हुए हैं, अनेक हमारे वीरो ने बेटियों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया। लेकिन आजादी के इस पर्व पर हमारे दूर सुदूर जंगलों में जीने वाले नन्हे मुन्हें बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर तिरंगे की शान को और बढ़ा दिया है। इस बार संसद ने अल्पसंख्यक आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर उनके हक की रक्षा करने का प्रयास किया है। तिरंगे की शान के लिए देश की सेना के जवान अपने प्राणों की आहूति दे देते हैं, हमारे अर्धसैनिक बल जिंदगी खपा देते हैं, पुलिस के जवान सामान्य जीवन की सुरक्षा के लिए दिन रात लगे रहते हैं, मैं इन सबको शत-शत नमन करता हूं।
मोदी ने आगे बाढ़ के कारण जिन परिवारों को मुसीबत झेलनी पड़ी है, उनके साथ देश पूरी शक्ति के साथ खड़ा है। जिन्होंने अपनों खोया है, उनके दुख में मैं उनके साथ हूं। अगले वर्ष जलियावाला कांड को 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। मैं उन सभी वीरों को आदरपूर्वक नमन करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। ये आजादी ऐसे ही नहीं मिली है, बापू के नेतृत्व में, क्रांतिकारियों के नेतृत्व में अनेक नौजवानों ने अपनी जवानी जेल में काटकर हमे आजादी दिलाई है। हमारा संविधान हमे कहता है, तिरंगे से हमे प्रेरणा मिलती है, सभी को न्याय मिले, सभी को आगे बढ़ने का मौका मिले, मध्य वर्ग, निम्न वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग को आगे बढ़ने का मौका मिले। हमारे बुजुर्ग, हमारे दिव्यांग, महिलाएं, आदिवासी हर किसी को उनकी आशा और अपेक्षाओं को पूरा करने का अवसर मिले। मोदी ने कहा सवा सौ करोड़ संकल्प और पुरुषार्थ जब लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं तो क्या नहीं हो सकता है। मैं नम्रता और आदर के साथ कहना चाहता हूं कि 2014 में देश की सवा सौ करोड़ लोगों ने सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं बल्कि उन्होंने देश बनाने के लिए जुटे भी हैं, जुटे भी थे और जुटे भी रहेंगे। यही तो हमारे देश की ताकत है। श्री अरविंदो ने कहा था कि राष्ट्र क्या है, हमारी मातृभूमि नहीं है, यह कोई जमीन का टुकड़ा नहीं है, नहीं ये सिर्फ संबोधन है, नहीं ये कोई कोरी कल्पना है, राष्ट्र एक विशाल शक्ति है, जो असंख्य छोटी-छोटी इकाइयों को ऊर्जा मूल रूप देती है। 2013 में देश की विकास की रफ्तार की तुलना पिछले चार वर्ष से करें तो 2013 में शौचालय बनाने की जो रफ्तार थी अगर उसी रफ्तार से चलते तो कई वर्ष लग जाते शौचालय बनाने में। गांव में बिजली पहुंचाने में एक-दो दशक और लग जाते। 2013 की रफ्तार से तुलना करें तो एलपीजी गैस कनेक्शन पहुंचाने में शायद 100 साल कम भी पड़ जाते।
मोदी ने कहा अगर हम 2013 की रफ्तार से ऑप्टिकल फाइबर का काम करते तो शायद पीढ़ियां निकल जाती फाइब ऑप्टिकल को पहुंचाने में। देश की अपेक्षाएं बहुत हैं, उसे पूरा करने में हम लगातार जुटे हैं। देश वही है, धरती वही है, हवाएं वही हैं, आसमान वही है, अधिकारी दफ्तर भी वही है। लेकिन देश यह महसूस कर रहा है कैसे हम आगे बढ़ रहा है। देश आज दो गुना हाईवे बना रहा है, देश आज रिकॉर्ड मोबाइल फोन की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है, रिकॉर्ड ट्रैक्टर की खरीद हो रही है, सबसे ज्यादा हवाई जहाज खरीदा जा रहा है। देश आज नए आईआईएम, नए आईआईटी, नए एम्स की स्थापना कर रहा है। देश की सेना जब संकल्प करके आगे बढ़ती है तो सर्जिकल स्ट्राइक करके आती है। एमसपी देख लीजिए, सालों से लोग इसकी मांग कर रहे थे कि इसे बढ़ाया जाए, लेकिन हमारी सरकार ने इसे बढ़ाया। जीएसटी, हर कोई चाहता था कि इसे लागू किया जाए, आज मेरे देश के छोटे-छोटे व्यापारियों की मदद से आज देश ने जीएसटी लागू कर दिया। हम कड़े फैसले लेते हैं, हम देश हित के लिए कााम कर रहे हैं, दलहित हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता है। वो भी एक जमाना था जब लोग कहते थे कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में रिस्क है, लेकिन अब वही लोग कह रहे हैं कि अब अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। वो भी दिन था जब विश्व मानकर बैठा था कि पॉलिसी माने पॉलिसी पैरालिसिस, लेकिन दुनिया से एक ही बात आ रही है, रिफॉर्म, परफॉर्म। अब दुनिया इन दिनों कह रही है कि सोया हुआ हाथी अब जग चुका है, चल पड़ा है, सोये हुए हाथी ने अपनी दौड़ शुरू कर दी है। लोग कह रहे हैं कि आने वाले 30 वर्ष में विश्व की अर्थव्यवस्था को भारत रफ्तार देने वाला है, ऐसा विश्वास आज भारत के लिए पैदा हुआ है। दुनिया के मंचों पर हमारी आवाज बुलंद हुई है, कई संगठनों में हमे जगह मिली है।
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