नई दिल्ली, 9 फरवरी (वीएनआई)| प्रधानमंत्री मोदी आज फिलिस्तीन और पश्चिम एशिया की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। वह जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान भी जाएंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा का मकसद "खाड़ी और पश्चिम एशियाई क्षेत्र में हमारे बहुआयामी संबंधों को गहरा करना है। अधिकारियों ने कहा कि नौ से 12 फरवरी तक की चार दिवसीय यात्रा में ऊर्जा व सुरक्षा सहयोग, व्यापार एवं निवेश और आतंकवाद से निपटने के प्रयास जैसे मुद्दे मोदी के एजेंडे का मुख्य रूप से हिस्सा हैं। दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि खाड़ी और पश्चिम एशियाई क्षेत्र "हमारे विदेशी संबंधों में महत्वपूर्ण प्राथमिकता हैं। अम्मान पहुंचने के बाद मोदी द्वारा जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात करने की संभावना है, जो शनिवार को उनकी फिलिस्तीन की यात्रा में मदद करेंगे। फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जहां वह राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिलेंगे। मोदी ने कहा, राष्ट्रपति अब्बास के साथ चर्चा करने और फिलिस्तीन के लोगों व फिलिस्तीन के विकास के प्रति हमारे समर्थन की फिर से पुष्टि करने का इंतजार कर रहा हूं मोदी के पहुंचने से पहले फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने उनके स्वागत में दिए बयान में उनकी इस यात्रा को ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया।
ओमान और संयुक्त अरब अमीरात दोनों में मोदी के प्रवासी भारतीयों से मुलाकात करने की संभावना है, जिसे उन्होंने "भारत और खाड़ी देशों के बीच मित्रता का सेतु बताया था। वह 'भारत में आर्थिक अवसर' जैसे मुद्दे पर दुबई में संयुक्त अरब अमीरात और अरब के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से भी मुलाकात करेंगे। मोदी ओमान के सुलतान और अन्य नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत के साथ मजबूत आर्थिक संबंध विकसित करने को लेकर ओमान के व्यवसायियों से वार्ता होगी। संयुक्त अरब अमीरात में वह उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद और अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद के साथ वार्ता करेंगे। मोदी ने कहा, "संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व के निमंत्रण पर, मैं दुबई में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन के छठे संस्करण को संबोधित करूंगा।" मोदी के संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान 12 समझौतों पर करार होने की उम्मीद है। इनमें वित्त और कौशल विकास जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।
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