तिरुवनन्तपुरम,18 सितंबर (वीएनआई) फुटपाथ पर असहाय सा बैठा जयवेल अब असहाय नही रहेगा. परिस्थतियो से लड़ने की अद्भुत क्षमता और उसकी कुशाग्र बुद्धि ने उसकी किस्मत बदल दी है.कभी फुटपाथ पर सरकारी लेंप पोस्ट के नीचे पढाई करने और कई मर्तबा परिवार की गुजर बसर केलिये भीख तक भी मॉगने वाला 22 वर्षीय जयवेल को विश्व प्रसिद्ध इंगलेंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी मे दखिला मिल गया है. कभी साईकिल तक को तरसने वाला जयवेल अब वे यूनिवर्सिटी में रेसिंग कार की क्षमता बढ़ाने वाली तकनीक सीखेंगे।
जयवेल को यहां परफॉर्मेंस कार एन्हैंसमेंट टेक्नोलॉजी इजीनियरिंग में एडमिशन मिल गया है।
इस मुकाम पर पहुंचने के लिए जयवेल ने कड़ा संघर्ष किया है। जयवेल के पिता इस दुनिया में नहीं है और उनकी मां को भी शराब की लत है। ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। एक समय ऐसा था जब जयवेल ने भीख मांगकर अपना घर चलाया। ्लेकिन जयवेल ने हिम्मत नही हारी और उसने परिवार की जिम्मेवारी निभानेके साथ साथ पढाई भी जारी रखी. इन्ही दिनो एक एन जी ओ उमा ट्रस्ट के उमा व मथुरमन की नजर उस पर पड़ी। इन्होंने फुटपाथ पर जयवेल को लगन से पढाई करते देखा तो मदद का हाथ बढाया
80 के दशक में आंध्र में सूखा पड़ा तो जयवेल का परिवार भी चेन्नई पहुंचा। वहां भीख मांगने के अलावा कोई चारा नहीं था। परिवार वाले जयवेल से भीख मंगवाते.वी एन आई