नई दिल्ली, 13 जुलाई मौसमी फल, सब्जियों और प्राकृतिक आहार का सेवन दिल को दुरुस्त तथा शरीर को स्वस्थ रखने का सर्वोत्तम उपाय है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि सीमित मात्रा में और रात को हल्का खाना अच्छी सेहत का मंत्र हैं। जरूरत से ज्यादा फूड सप्लीमेंट्स लेना खतरनाक हो सकता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, बीटा कैरोटीन और विटामिन-ई वाले स्पलीमेंट्स चाहे अलग-अलग लिए जाएं या एक-दूसरे के साथ या फिर दूसरे एंटीऑक्सीडेंट विटामिन का सेवन करने से दिल के रोगों से बचाव नहीं होता।
विटामिन-डी की प्रतिदिन 400 यूनिट की हाई डोज बीमारी को बढ़ाने का कारण बन सकती है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विटामिन-सी वाले सप्लीमेंट्स दोबारा हार्ट अटैक आने से नहीं रोकते। साथ ही यह ध्यान रखना चाहिए कि बेटा कैरोटीन सप्लीमेंट्स खतरनाक होते हैं और उनसे बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्रॉनिक रीनल फेल्योर वाले मरीज जो हीमो-डायलिसिस करवा रहे हैं, उनके लिए विटामिन-ई सप्लीमेंट्स का प्रयोग दूसरे विकल्प के तौर पर लाभदायक हो सकता है।
वहीं, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का कहना है कि दिल के रोगों की रोकथाम और इलाज में एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्स का प्रयोग वाजिब नहीं है। हां, प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स वाले आहार लेने से दिल के रोगों में कमी आ सकती है।
कुछ सुझाव :
* सात रंगों और छह स्वादों वाला आहार लें
* रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स से बचें
* ट्रांस फैट से दूर रहें
* रेड मीट कम खाएं
--आईएएनएस