नई दिल्ली, 21 अगस्त, (वीएनआई) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के बीच इसके टेस्ट को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नए शोध में नई जानकारी सामने आई है।
आईसीएमआर का कहना है कि पानी का गरारा करने के बाद इस पानी का इस्तेमाल भी कोरोना टेस्ट के लिए किया जा सकता है। इस शोध का मुख्य लक्ष्य यह पता करना था कि क्या गरारा किया गया पानी स्वैब की जगह इस्तेमाल हो सकता है या नहीं, जबकि इस शोध का दूसरा लक्ष्य मरीज को स्वैब के अलावा एक और विकल्प मुहैया कराना था। वहीं आईसीएमआर के शोधकर्ताओं ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में मई-जून माह में 50 कोरोना के मरीजों का सैंपल गरारा किए गए पानी के तौर पर इस्तेमाल किया और उनका टेस्ट किया।
गौरतलब है कोरोना का टेस्ट करने के लिए सैंपल के तौर पर गरारा किया गया पानी भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अभी तक कोरोना टेस्ट के लिए मरीज को अपना स्वैब देना होता है।