डायबिटीज और मोटापे मे राहत पहुचाने मे अमृत समान है आयुर्वेदिक पौधा -स्टीविया

By Shobhna Jain | Posted on 13th Apr 2016 | देश
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नई दिल्ली 13अप्रैल (वीएनआई) आज के माहौल मे जब कि तनाव और खाने पीने की आद्तो के कारण शुगर और मोटापा, रक्तचाप जैसी बीमारिया अधिकतर लोगो को अपना शिकार बना रही है ऐसे में अमृत समान स्टीविया (स्टीविया रूबी डियाना) या मीठी पती एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जो डायबिटीज और मोटापे जैसी खतरनाक बीमारी से राहत दिलाने में अहम भूमिका निभा रहा है, इसे पचाने से शरीर में एंजाइम नहीं होता और न ही ग्लूकोस की मात्रा बढ़ती है एक रिसर्च के अनुसार मधु पत्र में स्टीरियो साइट व ल्यूकोसाइट पाए जाते हैं जो शरीर की पाचन ग्रंथी अग्नाशय में पहुंचकर इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है। चूंकि डायबिटीज का रोग इंसुलिन असंतुलन से होता है। इसलिए तीन महीने लगातार चीनी तुलसी का सेवन करने से डायबिटीज की प्रारंभिक स्थिति पूर्णत: ठीक हो जाती है और लगातार सेवन करने से क्रोमिक स्थिति नियंत्रित रहती है। वैसे स्टीविया मूल रूप से जापान का पौधा माना गया है किंतु जैसे-जैसे इसकी खूबियों के बारे में पता चलता गया वैसे ही वैसे इसकी व्यवसायिक खेती को बढ़ावा मिला। वहीं भारतवर्ष में भी कई राज्यों में इसकी खेती प्रारंभ हो बखूबी हो रही है।आज कैलोरी की समस्या भी काफी बढ़ने लगी है ऐसे में भले ही स्टीविया चीनी से अधिक मीठा हो किंतु इसमें ग्लूकोस की मात्रा न होने के चलते इससे कैलोरी के अनियंत्रित होने की संभावना नहीं रहती। यही कारण है कि स्टीविया का मौजूदा समय में कई शुगर फ्री पदार्थो को बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाने लगा है। इसे मधु तुल्सी के नाम से भी जाना जाता है इसके अलावा इसे चीनी तुलसी य मधु पत्र के नाम से भी पहचाना जाता है इसकी मिठास के कारण इसे हनी प्लांट भी कहा जाता है, गन्ने से तीन सौ गुणा अधिक मीठा होने के बावजूद स्टीविया पौधे फैट व शुगर से फ्री है। इतना अधिक मीठा होने के बावजूद यह शुगर को कम तो करता ही है साथ ही इसे रोकने में भी सहायक है।इस पौधे की पत्तियां शक्कर से भी मीठी होकर कैलोरी व कार्बोहाइड्रेट रहित होती हैं और इसके सेवन से कोई साइडइफेक्ट नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार चीनी तुलसी पौधे की सूखी पत्तियों को चाय की पत्ती में मिलाकर रखा जाए और चाय बनाते समय इसी पत्ती को डाला जाय तो भी इस पौधे के औषधीय गुणों का लाभ मिलता है साथ ही स्टीविया की पत्तियों को छायादार स्थान पर सुखाकर और उसका पाउडर बना कर 20 से 25 ग्राम पाउडर का सुबह-शाम सेवन करने से डायबिटिज में लाभ होता है। इसके अतिरिक्त पत्तियों को बिना सुखाएं पीसकर चटनी बना कर इसका उपयोग करने पर ब्लडप्रेशर (रक्तचाप)को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। स्टीविया न केवल शुगर बल्कि ब्लड प्रेशर, हाईपरटेंशन, दांतों, वजन कम करने, गैस, पेट की जलन, दिल की बीमारी, चमड़ी रोग और चेहरे की झुर्रियों की बीमारी में भी कारगर है।

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