नई दिल्ली, 23 सितंबर, (वीएनआई) दिल्ली हाई कोर्ट में आज एक याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब में कहा कि कोरोना महामारी के वक्त बनाया गया पीएम केयर्स फंड भारत सरकार का फंड नहीं है।
दिल्ली में हाईकोर्ट को प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि प्राइम मिनिस्टर सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (पीएम केयर्स फंड) भारत सरकार का फंड नहीं है बल्कि यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है और इसकी राशि भारत सरकार के संचित निधि में नहीं जाती है। ऐसे में पीएम केयर्स फंड को सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं लाया जा सकता है। साथ ही जानकारी देते हुए आगे बताया गया कि पीएम केयर्स फंड का ऑडिट एक ऑडिटर करता है, जो कि भारत के कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल पैनल से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है। ट्रस्ट को सभी तरह के डोनेशन, ऑनलाइन भुगतान, चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से मिलते हैं। इस तरह प्राप्त राशि का ऑडिट किया जाता है और ट्रस्ट फंड के खर्च को वेबसाइट पर दिखाता है।
गौरतलब है सम्यक गंगवाल द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड में जो पैसा है, वो देश के लोगों ने दान किया है लेकिन इसमें पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है। ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत पीएम केयर्स फंड को 'राज्य' घोषित किया जाए।
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