मुंबई, 21 दिसंबर, (वीएनआई) सीबीआई की विशेष अदालत सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में आज अपना फैसला सुना सकती है। सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले में 13 साल बाद फैसला सुनाएगी।
गौरतलब है साल 2005 के इस एनकाउंटर केस में 22 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिनमें अधिकांश पुलिसकर्मी हैं। इस मामले में कोर्ट ने 210 गवाहों से जिरह की है। मामले की सुनवाई कर रहे जज इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले आज वह इस मामले में फैसला दे सकते हैं। सीबीआई का कोर्ट में मानना था कि पूरे मामले की सुनवाई गवाहों के पूर्व में दिए गए बयानों से मुकर जाने से गड़बड़ा गई।
विशेष न्यायधीश एसजे शर्मा ने आखिरी दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में गुजरात और राजस्थान के कई पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इस केस में अभियोजन पक्ष का आरोप था कि सोहराबुद्दीन का संबंध आतंकी संगठन से था और वह गुजरात के किसी बड़े राजनेता की हत्या की साजिश रचने का काम कर रहा था। गौरतलब है सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जबकि 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था। बरी होने वालों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पुलिस अफसर डी. जी. बंजारा भी शामिल हैं। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस केस को मुंबई शिफ्ट कर दिया गया था।
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