अजित डोभाल ने कहा जम्‍मू कश्‍मीर के लिए अलग संविधान बहुत बड़ी गलती

By Shobhna Jain | Posted on 5th Sep 2018 | देश
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नई दिल्‍ली, 05 सितम्बर, (वीएनआई) नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल ने जम्‍मू-कश्‍मीर के लिए अलग संविधान को बड़ी गलती करार दिया है। वहीं इस बयान की नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने कड़ी निंदा की है।

अजित डोभाल ने सरदार वल्‍लभ भाई पटेल पर लिखी किताब के विमोचन के दौरान कहा कि भारत में 560 रियासतों का विलय किया गया। इन रियासतों में अलग-अलग कानून थे, जो कि विलय के बाद एक संविधान के तहत आ गए। उनके बयान पर नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के नेता मुस्‍तफा कमाल ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार से कहा कि वह डोभाल के बयान पर ध्‍यान दे और अगर वह ऐसा नहीं करती है तो यह स्‍पष्‍ट है कि डोभाल जो कुछ कह रहे हैं, उसमें केंद्र की सहमति है।

अजित डोभाल ने कार्यक्रम में कहा कि संप्रभुता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है और उसे कमजोर तरीके से पारिभाषित भी नहीं किया जाना चाहिए। उन्‍होंने आगे कहा, 'अंग्रेजों ने भारत छोड़ा, वह भारत को ताकतवर संप्रभु राष्‍ट्र के तौर पर छोड़कर नहीं चाहते थे। अंग्रेज विघटन के बीज बोने का प्रयास कर रहे थे। अंग्रेजों के इस प्‍लान को सरदार वल्‍लभ भाई पटेल समझ गए थे। सरदार पटेल अपनी सूझबूझ से एक ऐसा देश बनाने में कामयाब रहे, जिसमें राज्‍य तो कई हैं, लेकिन संविधान एक हो, क्‍योंकि संप्रभुता को बांटा नहीं जा सकता। 

डोभाल ने आगे कहा सरदार पटेल की भूमिका केवल सिर्फ इतनी नहीं है कि उन्‍होंने रियासतों का विलय कराया। विलय तो राष्‍ट्र निर्माण का एक जरिया मात्र बना, लेकिन अहम बात यह है कि एक ही संविधान सभी पर बराबर लागू किया गया। जम्‍मू-कश्‍मीर जहां पर संविधान पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया, उसमें काट-छांट की गई और जम्‍मू-कश्‍मीर में अलग संविधान चल रहा है, जो कि एक बड़ी गलती है। गौरतलब है कि अनुच्छेद 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को खास तरह के अधिकार और कुछ विशेषाधिकारों दिए गए हैं। 

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