बुडापेस्ट, 6 जुलाई (अनुपमाजैन/वीएनआई) ब्रिटेन के बाद अब हंगरी भी योरोपियन यूनियन को ले कर अपने यहा जनमत संग्रह कर रहा है, लेकिन यह जनमत संग्रह ब्रिटेन के जनमत संग्रह से कुछ अलग मुद्दे पर हो रहा है.्ब्रिटेन ने जहा इस विषय पर् रायशुमारी हुई कि ब्रिटेन ई यू मे रहे या नही,लेकिन हंगरी का टॉपिक कुछ जुदा है.
हंगरी मे आगामी दो अक्टुबर को देश मे इस विषय पर जनमत संग्रह हो रहा है कि देशवासी योरोपीय यूनियन के ऐसे किसी प्रयास का विरोध करे कि ई यू अपने सदस्य देशो को शरर्णार्थियो को अपने यहा बसाने का निर्देश अनिवार्य रूप से जारी नही कर पाये.राष्ट्रपति जनोस अदेर की एक घोषणा के अनुसार जनमत संग्रह मे हंगरी के नागरिको को इस सवाल का जबाव देना होगा कि क्या नागरिक यह चाहते है कि योरोपीय यूनियन संसद की मंजूरी के बिना हंगरी सरकार को यह बतायें कि वह अपने यहा गैर हंगरी वासियो को वहा अनिवार्य रूप से वहा बसाये.
हंगरी के प्रधान मंत्री विक्टर ऑरबॉन जो कि आव्रजन का जम कर विरोध करते रहे है, वे भी कह चुके है कि जन मत संग्रह मे ना के मायने हंगरी की आजादी के पक्ष मे मतदान करना होगा और योरोपीय युनियन द्वारा शरणार्थियो को सदस्य देशो मे अनिवार्य रूप् से बसाने के किसी प्रस्ताव को ना मंजूर करना होगा.एक अन्य वरिष्ठ मंत्री का कहना है कि हंगरी के नागरिको के साथ कौन रहे इसका फैसला केवल हंगरी वालो को ही करना चाहिये न/न कि ब्रसेल्स उन्हे यह निर्देश दे.
हंगरी पहले ही शरणार्थियो को बसाने के खिलाफ योरोपीय युनियन को योरोपीय कोर्ट तक ले जा चुका है. हंगरी मे पिछले बरस लगभग ४ लाख शरणार्थी वहा से गुजरे जरूर लेकिन जल्द ही हंगरी ने कंटीली आड़ लगा कर यह प्रवाह रोक दिया. वी एन आई