नई दिल्ली, 03 जनवरी, (वीएनआई) समाज सुधारक और देश पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की आज 187 वीं जयंती है।
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव गांव में हुआ था। महज 9 साल की उम्र में बाल विवाह का शिकार हुईं सावित्री को पढ़ाई न कर पाने का दुख हमेशा से था। लेकिन जिस ज्योतिबा फुले से उनकी शादी हुई थी वह उनके विचारों का सहयोग करते थे। एक समाजसेवी, एक शिक्षिका जो भारत जैसे पितृसत्तात्मक समाज में न सिर्फ लड़कियों के हक के लिए लड़ीं बल्कि उनके लिए शिक्षा के रास्ते भी खोल दिए।
सावित्री जब स्कूल जाती थीं तो लोग उनपर पत्थर फेंका करते थे। लेकिन उन्होंने इसका जरा भी असर खुद पर नहीं पड़ने दिया। समाज के तानों के बावजूद सावित्रीबाई नहीं टूटींं और अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने बाकी महिलाओं को शिक्षित करने की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले ली। अपने पति ज्योतिबा के साथ मिलकर उन्होंने 1848 में पुणे में बालिका विधालय की स्थापना की।
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