चरमराती पारिवारिक संस्थाओ और मानवीय मूल्यो के ह्रास के बीच एक उम्मीद की किरण... राजस्थान मे है श्रवण कुमार

By Shobhna Jain | Posted on 23rd Dec 2015 | देश
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नई दिल्ली 2३ दिसंबर (शोभनाजैन/वीएनआई) चरमराती पारिवारिक संस्थाओ और मानवीय मूल्यो के ह्रास के बीच एक उम्मीद की किरण...ष्रवण कुमार आज के दौर मे भी है और उन्हे अब पुरस्कृत किया जा रहा है. राजधानी स्थित राजस्थानी अकेडमी ने इस पुरस्कार को शुरू किये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि प्रथम सुभाष लखोटिया श्रवण कुमार अवार्ड राजस्थान के अजमेर जिला के शिवकुमार बसनवाल को प्रदान किया जाएगा। जिस के तहत अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए श्री शिवकुमार को एक लाख रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। संस्था के अध्यक्ष श्री गौरव गुप्ता ने बताया कि संस्था की रजत जयंती के अवसर संस्था के चेयरमेन श्री सुभाष लखोटिया ने यह पुरस्कार शुरू किया है, जो अब से हर वर्ष अपने माता पिता की सेवा करने वाले पुत्र/पुत्रियो को दिया जायेगा.उन्होने बताया कि श्री लखोटिया ने पारिवारिक मूल्यो को सम्मान देने और सदियो से चले आ रहे भारतीय पारिवारिक मूल्यो के आदर्शो को मजबूत करने और ऐसे प्रेरक दृष्टांत सभी के लिये प्रेरणास्पद बनने के इरादे से यह पुरस्कार शुरू किया है,उन्होने बताया कि अजमेर जिलेके एक छोटे से गॉव मे रहने वाले शिवकुमार का जीवन एक आदर्श है उन्होने सीमित संसाधनो मे अपने वृद्ध माता पिता की सेवा की.उन्होने बताया कि इस पुरस्कार् के लिये 30 प्रविष्टियॉ मिली जिसमे से श्री शिव कुमार को चुना गया. आगामी 26 दिसम्बर को राजधानी मे आयोजित संस्था के रजत जयंती समारोह मे उन्हे इस पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. संस्था के चेयरमेन श्री सुभाष लखोटिया ने बताया कि बीते 25 वर्ष से अकेडमी जन कल्याण से जुड़े कार्य कर रही है विशेष तौर पर राजस्थान से बाहर राजस्थान की पहचान का परचम फहराने मे जुटी है.राजस्थान की कला, संस्कृति व अन्य परंपराओं को क्षेत्रा से निकालकर देश विदेश तक पहुंचायी जा रही है। श्री लखोटिया ने बताया कि संस्था के संस्थापक श्री रामनिवास लखोटिया ने राजस्थानी भाषा सिखाने के लिए एक पुस्तक जारी करने के साथ ही राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलवाने के लिए पिछले कई वर्षो से प्रयास किए जा रहे है। श्री गौरव गुप्ता ने बताया कि संस्था राजस्थानी कला व परंपराओं को जनमानस तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम निरंतर करवाती है। उन्होने कहा कि संस्था का प्रयास है कि इन कलाओ के कलाकारो के कल्याण के भी प्रयास किये जाये और उनके बच्चो की शिक्षा व रोजगार पर भी ध्यान दिया जाये जिसमें जगप्रसिद्ध कालबेलियां नृत्य का प्रमोशन, कवि सम्मेलन, वाद-विवाद प्रतियोगिता, नाटक, नृत्य प्रतियोगिताएं, पेंटिंग व अन्य गतिविधियों शामिल है। उन्होने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण व कल्याण ्केलिये भी संस्था विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करती है संस्था का उद्देश्य देश-विदेश में रह रहे राजस्थान के लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना और आपसी भाई-चारे का मजबूत करना भी है। संस्था राजस्थान से जुड़ी हर परम्परा और उन क्षेत्रों से जुड़े कलाकार, विशेषज्ञ तथा बेहतर कार्य करने वालों को सहयोग कर आगे बढ़ावा देती है। संस्था के सचिव श्री संदीप गोयल ने बताया कि 26 दिसम्बर को आयोजित होने वाले रजत जयंती सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में आने वाले लोगों को राजस्थान की कला संस्कृति परम्पराओं की झलक देखने को मिलेगी वही राजस्थान के स्वादिष्ट व्यजंन भी पारम्परिक तरीके से खाने को मिलेगें। वी एन आई

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