पटना, चार जून (अनुपमाजैन,वीएनआई ) बिहार की मुख्यमंत्री निवास मे लगे मीठे आम, लीची के वृक्षो को लेकर बिहार के दो दिग्गजो के बीच कड़वाहट फैल गयी है. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथी रहे और बाद मे उनके खिलाफ झंडा उठाने वाली पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बीच इन मीठे फलो को लेकर रिश्ते मे कड़वाहट इस हद तक उतर आई है कि सत्तारूढ़ सरकार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को सरकारी बंगले में लगे आम, लीची और कटहल के लगभग 150 पेड़ों से फल तोड़ने की इजाजत नहीं दे रही है. इन् पेड़ो की सुरक्षा के लिये के लिए 24 पुलिस अधिकारियों और कर्मियों का अमला तैनात किया गया है.
सूत्रो के अनुसार फलों की पहरेदारी की जिम्मेदारी बिहार पुलिस की विशेष शाखा में तैनात एसपी (सुरक्षा) को सौंपी गई है. गौरतलब है कि गत फरवरी मे मुख्य मंत्री पद्से हटने के बाद भी श्री मांझी अभी मुख्य मंत्री निवास मे ही रह रहे है .सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता डॉक्टर अजय आलोक का कहना है कि पूर्व सीएम स्तरहीन राजनीति कर रहे हैं.उनका कहना है, \"उस जगह की एक-एक चीज सरकारी है. मांझी खुद सीएम रह चुके हैं. उनको पता होना चाहिए कि वहाँ जो भी फल टूटते हैं उसपर सरकार का हक़ होता है.\"
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी के अनुसार कुछ दिन पूर्व ुनके ससुर जीतन राम मांझी की पत्नी के कहने पर माली फल तोड़ने गया था, लेकिन उसे रोक दिया गया. नीतिश समर्थको का कहना है कि इस गलत कृत्य को श्री मांझी और उनके समर्थक \'दलित\' रंग दे रहे है
लीची, आम और कटहल के फलों की सुरक्षा के लिए 24 पुलिस अधिकारियों को तैनात करने से जुड़ा आदेश पत्र भी बुधवार को जारी कर दिया गया है. बंगले में लगे फल और सब्जियों को तोड़ने पर पाबंदी लगा दी गई है. वी एन आई