नई दिल्ली, 16 जून, (वीएनआई) क्रांतिकारी युवा संगठन और दिल्ली विश्वविधालय के छात्रों ने बीते सोमवार को दिल्ली विश्वविधालय के नार्थ कैंपस स्थित आर्ट्स फैकल्टी पर दिल्ली की आप सरकार की स्टूडेंट लोन वाली घोषणा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया| साथ ही संगठन ने आरोप लगाया आप सरकार द्वारा शिक्षा में निजीकरण करने की कवायद की जा रही है और नई सस्ती सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान बनाने की जगह लोन देने की घोषणा बस प्राइवेट कॉलेजों और बैंकों के लिए फायदेमंद है|
केवाईएस के प्रवक्ता रोहित सिंह ने कहा कि छात्रों को उच्च शिक्षा में पहुंचाने के लिए छात्र लोन की व्यवस्था की गयी है परन्तु सच्चाई ये है कि दिल्ली राज्य के बहुसंख्यक युवा आज इसलिए उच्च शिक्षा से बाहर हैं क्योंकि सीटें और कॉलेज की संख्या कम है| अब दिल्लीविश्वविधालय का ही उदाहरण ले लीजिए, दिल्ली विश्वविधालय में 54,000 सीटें हैं परन्तु इन सीटों के लिए पिछले साल 2,78,000 छात्रों ने फॉर्म भरे थे| अतः 2,78,000 छात्र कॉलेज की फीस देने को तैयार थे परन्तु सीटों की कमी के कारण उन्हें उच्च शिक्षा से बाहर का रास्ता देखने पड़ा| आज स्थिति ये है कि 12वीं पास करने वाले छात्रों का बस 18% युवा ही उच्च शिक्षा तक पहुँच पा रहे हैं और दलित छात्रों की उच्च शिक्षा में हिस्सेदारी तो और भी कम है|
आगे रोहित ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी सरकार आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े युवाओं के बारे में बिलकुल भी चिंतित नहीं है और लोकलुभावन वादे कर अपने इस वर्गीय चरित्र को छुपाना चाह रही है| इस लोकलुभावन घोषणा से बस प्राइवेट कॉलेजों और बैंकों को फायदा होने वाला है क्योंकि लोन कि जरूरत अधिकाँश समय प्राइवेट कॉलेजों के लिए ही होती है क्योंकि इनके फीस बहुत अधिक होते हैं|
केवाईएस के अनुसार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने पिछले दिनों सरकारी स्कूलों के छात्रों को 11वी-12वीं में स्किल एजुकेशन देने कि घोषणा की है जिसके तहत छात्रों को मोबाइल-फ्रिज-लैपटॉप-आदि ठीक करना समझाया जाएगा| आगे केवाईएस आरोप लगते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार की नीतियां गरीब परिवार से आए हुए छात्रों को उन्ही कामों में धकेलेगी जिसमे उनके माता पिता कार्यरत थे| इन गरीब छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ कार्यकर्ताओं और छात्रों ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री का पुतला भी फूँका|