एसओएल छात्रों ने सेंट्रल पार्क के बाहर अपनी मांगो को लेकर आप सरकार के सामने लगाये नारे

By Shobhna Jain | Posted on 26th May 2015 | देश
altimg
नई दिल्ली, 26 मई, (वीएनआई) बीते सोमवार को क्रांतिकारी युवा संगठन के कार्यकर्ताओं और स्कूल ऑफ़ लर्निंग के छात्रों को दिल्ली में 100 दिन की सरकार पूरा होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा बुलाई गई कैबिनेट मीटिंग में जाने से आप कार्यकर्ताओं और पुलिस बल द्वारा रोका गया| क्रांतिकारी युवा संगठन ने बताया कि एसओएल के छात्र सेंट्रल पार्क के बाहर से ही नारे लगते रहे परन्तु उनके मांगो को नहीं सुना गया| उन्होंने कहा कि आप सरकार की 100 दिनों पर जनता से मिलने का कार्यक्रम ढकोसला रहा क्योंकि गिनकर चयनित अपने ही लोगों के 15 सवालों से नाटक रचाया गया| आगे उन्होंने बताया कि एसओएल के छात्रों ने मांग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली सरकार द्वारा वित्त-पोषित 28 कॉलेजों में कॉरेस्पोंडेंस छात्रों के लिए रेगुलर इवनिंग कॉलेज प्रदान किया जाए| एसओएल के छात्रों का मानना है कि जब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में नए कॉलेज नहीं बनते, जिससे कि सभी युवाओं को मुख्यधारा के उच्च शिक्षा के कोर्सेज में दाखिला मिल सके, तब तक दिल्ली विश्वविद्यालय के उन 28 कॉलेजों में उन्हें रेगुलर कक्षाएं मिलनी चाहिए| छात्रों ने स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग के छात्रों के लिए आल रूट बस पास की भी सुविधा की मांग की है| संगठन के कार्यकर्ता ने बताया कि एसओएल के छात्रों ने इन्ही मांगों को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पिछले 17 फरवरी 2015 और 3 फरवरी 2014 को भी ज्ञापन भी सौंपा था| एसओएल के छात्रों का मानना है कि आप(आम आदमी पार्टी) की सरकार वैकल्पिक राजनीति का वादा करके ही सत्तासीन हुई अतः यह महत्वपूर्ण है कि वो उच्च शिक्षा के सवाल पर प्रदेश के युवाओं की जरूरतों को समझे| क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ता और एसओएल के छात्र शहनवाज जमन ने एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कॉरेस्पोंडेंस छात्रों को रेगुलर इवनिंग कॉलेज प्रदान करना कानूनी और संवैधानिक तौर पर पूर्ण रूप से दिल्ली सरकार के अधिकार-क्षेत्र में है| साथ ही उन्होंने बताया कि साल 2014 में 2,78,000 छात्रों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रेगुलर कॉलेज के विभिन्न स्नातक कोर्सेस के लिए फॉर्म भरे थे परन्तु सीटों की कमी के कारण करीब 2,24,000 छात्रों को दाखिला नहीं मिल पाया| खेद की बात है कि दाखिला नहीं मिल पाने वाले लगभग सभी छात्र दिल्ली प्रदेश के सरकारी स्कूलों से ही पढ़े हैं| ये छात्र गरीब परिवारों से आते हैं जिनके माँ-बाप मजदूर हैं, या फिर उन दलित परिवारों से आते हैं जिनके माँ-बाप खेत मजदूर हैं हैं| राज्य सरकार का ये कर्तव्य बनता है कि समाज के सबसे शोषित वर्ग को उच्च शिक्षा में सम्मिलित करे| क्रांतिकारी युवा संगठन(केवाईएस) के एक अन्य कार्यकर्ता रोहित ने कहा कि, “ स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग में लगभग सभी छात्र सरकारी स्कूलों से पढ़े हैं जहाँ खराब शिक्षा व्यवस्था के कारण अंक कम आते हैं और सरकारी स्कूल के ही छात्र डीयू जैसे सरकारी विश्वविद्यालय के कटऑफ़ में छट जाते हैं| एसओएल छात्रों द्वारा उठाये गए कुछ मुख्य मांग हैं- 1. दिल्ली सरकार द्वारा वित्त-पोषित दिल्ली विश्वविद्यालय के 28 कॉलेजों में डीयू कॉरेस्पोंडेंस छात्रों के रेगुलर इवनिंग कॉलेज की तुरंत घोषणा की जाए| 2. कॉरेस्पोंडेंस मोड में पढने वाले 4 लाख छात्रों को रेगुलर मोड में दाखिला देने के लिए 80 नए कॉलेज बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाए| 3. एसओएल के सभी छात्रों को आल रूट बस पास देने के लिए DTC को लिखा जाए| 4. दिल्ली विधानसभा में समान शिक्षा अधिनियम लाया जाए जिससे स्कूली शिक्षा में गैरबराबरी ख़त्म हो और प्राइवेट और सरकारी स्कूलों वाले दोहरी शिक्षा नीति बंद हो| इससे सूबे के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद अच्छी होगी|

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day
Posted on 23rd Apr 2025

Connect with Social

प्रचलित खबरें

altimg
Today in history

Posted on 13th Nov 2023

आज का दिन :
Posted on 1st Mar 2019
© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india