वाशिंगटन, 25 जून (शोभनाजैन/वीएनआई)अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को एक नये आयाम तक ले जाने के एजेंडा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर आज अमेरिका पहुंच गए हैं. सूत्रो का मानना है कि अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इस पहली मुलाकात दोनो देशो के लिये खासी अहम होगी. इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता,मुलाकातों, बैठकों तथा व्हाइट हाइस में आयोजित भोज के दौरान प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ वक्त गुज़ारेंगे, जिस दौरान दोनो नेताओ को एक दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का मौका मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें 'सच्चा मित्र' बताया, जिसके साथ उन्हें कल सोमवार को 'महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श' करना हैं.
ऊ
भारत तथा अमेरिका के बीच रक्षा व ऊर्जा साझीदारियों को मजबूत किया जाना बातचीत का बेहद अहम हिस्सा होगा. अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप प्रशासन के साथ बहु-स्तरीय और विस्तृत साझीदारी बनाने के लिए दूरंदेशी दृष्टिकोण स्थापित करने की मंशा ज़ाहिर की थी. फोन पर एक-दूसरे से तीन बार बात कर चुके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीर के बीच सोमवार को पहली बार आमने-सामने मुलाकात होगी. बातचीत के दौरान तीन मुद्दों पर खास ध्यान दिए जाने की उम्मीद की जा रही है - रक्षा, आतंकवाद और ऊर्जा.
कुल मिलाकर दोनों नेता एक-दूसरे के साथ लगभग पांच घंटे बिताएंगे. सबसे पहले दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होगी, और फिर शिष्टमंडल स्तर की बैठकों में, और व्हाइट हाउस में आयोए कजित रात्रिभोज में भी दोनों नेता एक दूसरे के साथ वक्त बिताएंगे. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर आसीन होने के बाद किसी विदेशी नेता के लिए व्हाइट हाउस में आयोजित होने जा रहा य यह पहला रात्रिभोज है.
अमेरिका द्वारा भारतीय नौसेना को 22 गार्जियन गैर-हथियारबंद ड्रोन विमानों की बिक्री को मंज़ूरी दिया जाना इस यात्रा का खास पहलू होगा, क्योंकि यह सौदा कई सालों से अटका हुआ था. लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का यह सौदा इस बात का सबूत होगा कि अमेरिका के लिए भारत 'बड़ा रक्षा साझीदार' है, जबकि अमेरिका पहले से ही भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा ऊर्जा साझीदारी पर ज़ोर दिए जाने की उम्मीद है, और इत्तफाक है कि यह यात्रा उस समय हो रही है, जब अमेरिका में ऊर्जा सप्ताह मनाया जा रहा है. व्हाइट हाउस अधिकारियों का कहना है कि भारतीय ऊर्जा कंपनियों ने अरबों अमेरिकी डॉलर के तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के सौदों पर दस्तखत किए हैं.
दोनों नेता अपनी वार्ता के खास पहलुओं के बारे में जानकारी देते हुए बयान जारी करेंगे. लेकिन जलवायु परिवर्तन, पेरिस समझौते तथा आव्रजन नियंत्रण के मुद्दों पर कतई अलग-अलग विचार रखने वाले दोनों नेता हालांकि पत्रकारों के सवाल-जवाब सत्र मे हिस्सा नही लेंगे.
तीन देशों की विदेश यात्रा के दूसरे चरण मे अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यात्रा में सबसे पहले दुनिया की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ ब्रेनस्टॉर्मिंग सत्र में शिरकत करेंगे. 200 साल पुराने विल्लार्ड होटल में आयोजित होने जा रहे इस सत्र में अमेज़न के प्रमुख जेफ बेज़ोस, एप्पल के टिम कुक, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला और गूगल के सुंदर पिचाई के भी शामिल होने की संभावना है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इन सीईओ को उन कदमों के बारे में जानकारी देंगे, जो उनकी सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने तथा प्रक्रियाओं को सरल करने के लिए भारत में उठाए हैं, जिनमें एकल कर प्रणाली जीएसटी भी शामिल है, जो 1 जुलाई से लागू होने जा रही है.
इसके बाद वह बेहद नज़दीक वर्जीनिया के निकट एक इलाके में आयोजित स्वागत भोज में भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे. गौरतलब है कि अमेरिका में लगभग 40 लाख भारतीय अमेरिकी बसते हैं, और लगभग 1,66,000 भारतीय विद्यार्थी यहां पढ़ाई भी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचने पर भारतीय समुदाय के लोगों के एक समूह ने उनका शानदार स्वागत किया. भारतीय प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए भारतीय समुदाय के लोगों का एक समूह विलार्ड इंटर कॉन्टिनेन्टल होटल के बाहर उनका इंतज़ार कर रहा था, और जैसे ही पीएम की गाड़ियों का काफिला होटल पहुंचा, वह अपनी गाड़ी से बाहर निकले और हाथ हिलाते हुए समूह के लोगों की ओर बढ़ गए. जैसे ही लोगों ने पीएम को अपनी ओर आते देखा, वह लोग खुशी से 'मोदी-मोदी' के नारे लगाने लगे.
इस बीच, अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस ने ट्वीट किया कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका में स्वागत करती हूं और दोनों देशों के बीच अटूट जुड़ाव की पुष्टि करती हूं. उधर, ट्रंप प्रशासन ने भी कहा है कि वह पीएम मोदी का भव्य स्वागत करता है, और प्रशासन ने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि यह कहना गलत है कि अमेरिका भारत की उपेक्षा कर रहा है या भारत पर ध्यान नहीं दे रहा है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एहसास है कि भारत अच्छाई के लिए एक ताकत है और यह बात सोमवार को दौरे के माध्यम से परिलक्षित होगी..." अधिकारी के मुताबिक, दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय बातचीत के दौरान रक्षा सहयोग, आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने, असैन्य परमाणु समझौते, आतंकवाद से निपटने पर सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग पर चर्चाएं तथा एच-1बी कार्य वीज़ा को लेकर भारत की चिंताओं आदि पर चर्चा होगी.
इससे पहले, एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी का यह दौरा अमेरिका-भारत रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने का एक अवसर है, जिस बारे में डोनाल्ड ट्रंप का नज़रिया है कि यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र एवं विश्व में स्थिरता और सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक अहम भागीदारी है. अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, हमें लगता है कि उनकी चर्चाएं बहुत व्यापक होंगी, जिनमें कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे शामिल होंगे, जिनमें हमारी साझा प्राथमिकताओं - आतंकवाद से मुकाबला, आर्थिक विकास तथा समृद्धि को गति देना आदि - को आगे बढ़ाना अहम होगा.