नई दिल्ली,२२ मई (वी एन आई) भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तआन की सैन्य अदालत द्वारा की फांसी की सजा को लेकर पाकिस्तान मे विपक्ष द्वारा सरकार को आड़े हाथो लिये जाने के बीच ्भारत स्थित पाकिस्तान उच्चायुक्त ने ने पहली बार जाधव की फॉसी पर पाकिस्तान द्वारा फिलहाल अमल नही किये जाने का संकेत दिया है हालांकि साथ ही उन्होने यह भी कहा कि अंतर राष्ट्रीय न्यायालय का अंतिम फैसले पर पाकिस्तान का कानून ही मान्य माना जायेगा. भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा है कि जाधव की फांसी को लेकर पाकिस्तान इंटरनेशल कोर्ट के फैसले से बाध्य है. ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान की तरफ से कोर्ट का अंतिम आदेश आने तक फांसी न देने के संकेत मिले हैं.
अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अब्दुल बासित ने कल कहा कि पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय कानून मानने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वह यह बात सिर्फ कोर्ट के अस्थाई आदेश के संदर्भ में कह रहे हैं जिसके मुताबिक जाधव की फांसी पर रोक लगाई गई है, इसका केस के मेरिट पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, 'कोर्ट ने काउंसलर ऐक्सेस को लेकर कुछ ऐसा नहीं कहा है जिसे अंतिम माना जाए. इन सभी बातों का फैसला कोर्ट के आखिरी आदेश में होगा.'
हालांकि बासित ने यह भी कहा कि इस न्यायलय का फैसला पाकिस्तान के लिए ज्यादा मायने नहीं रखता क्योंकि जाधव के पास अपील करने के लिए 150 दिनों का वक्त है. साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जाधव के खिलाफ अपने कानून के हिसाब से कार्रवाई करेगा.
जाधव की फांसी को लेकर पाकिस्तान का ये रुख उस दौरान आया है जब ये खबरें चल रही थीं कि पाकिस्तान कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाधव को फांसी दे सकता है.
इससे पहले गत शनिवार को पाकिस्तान के गृहमंत्री निसार चौधरी ने कहा था कि जाधव को पाकिस्तान के कानून से हिसाब सजा सुनाई गई है और पाकिस्तान अपने कानून के हिसाब से ही आगे काम करेगा. उन्होंने कहा था कि जाधव एक भारतीय जासूस है जो पाकिस्तान के खिलाफ संगीन अपराधों में शामिल था. इतना ही नहीं चौधरी ने कहा, अगर जाधव को सही वक्त पर गिरफ्तार नहीं किया जाता तो वो पाकिस्तान मे आतंक फैला सकता था.