होली

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Mar 2018 | देश
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सुनील कुमार ,वी एन  आई ,नयी  दिल्ली 02 -03-2018

 

हरि संग खेलति हैं सब फाग।
इहिं मिस करति प्रगट गोपी: उर अंतर को अनुराग।।
सारी पहिरी सुरंग, कसि कंचुकी, काजर दे दे नैन।
बनि बनि निकसी निकसी भई ठाढी, सुनि माधो के बैन।।

 सूरदास,रहीम, रसखान,  जायसी, मीराबाई,कबीर , आदि अनेक कवियों को होली का त्यौहार बहुत प्रिय रहा है. होली को वसंत  का त्यौहार  कहा जाता  है ! (ज्ञानी  लोग वसंत को  योजनाओं  व्  परियोजनाओं  का समय  बताते हैं )वसंत के  मौसम  में  जब पेड़ -पौधों में भी नवीनता और चमक  आ जाती है ,तब मनुष्य का क्या कहना. इसीलिए तो आनन्द और उत्सव  का त्यौहार है होली. होली के समय रबी की फसल तैयार हो जाती है इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी  दुश्मनी   को भूलकर गले मिलते है और फिर से दोस्त बन जाते हैं.  होली का त्यौहार फागुन मास के पूर्णिमा  को मनाया जाता है.


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