नयी दिल्ली,4 सितंबर (वीएनआई) सरकारी काम काज में हिंदी को सरल, सहज भाषा के रूप में लोक प्रिय बनानें तथा इस के अधिकाधिक उपयोग के लियें अभिनव प्रयासों से जुटें चर्चित वरिष्ठ रेल अधिकारी ने अब "बहुजन हिताय" के ध्येय से एक ऐसी पुस्तक तैयार की हैं जिसमें विभागीय पदोन्नति परीक्षा में भाग लेने वाले कार्मिकों को हिंदी की परीक्षाओं के लियें एक ही पुस्तक में राजभाषा नीति, नियम और हिंदी साहित्य संबंधी सभी प्रश्न एक स्थान पर उत्तर सहित मिल सकेंगे, ताकि विभागीय पदोन्नति परीक्षा में भाग लेने वाले कार्मिकों को राजभाषा नियमों संबंधी सभी प्रश्न एक स्थान पर उत्तर सहित मिल सकें.निश्चय ही सरकारी काम काज में इस से हिंदी अपनाने को बढावा मिलने की उम्मीद हैं.
पश्चिम रेलवे उप महाप्रबंधक (राजभाषा), प्रधान कार्यालय, मुंबई तथा सदस्य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (केंद्रीय सरकारी कार्यालय), मुंबई डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने यह पुस्तक लिखी है जो खासी सराही जा रही हैं.उन्होंने बताया कि ध्येय यह हैं कि सरकारी कर्मी ये परीक्षायें देते वक्त ऐसे सभी नियमों को आसानी से जान लें और परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करें, हिंदी अगर उन्हें सहज और सरल लगेगी तो वें सरकारी काम काज में भी अधिकाधिक हिंदी अपनायेंगें. इस पुस्तक के जरियें प्रयास हैं कि वे राजभाषा संबंधी सभी नियमों के बारें में विस्तार से जान लें जिस से विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं में वे आसानी से हिंदी संबंधी प्रशनों को हल सके,निश्चय ही इस से अधिकाधिक सरकारी कर्मी हिंदी को सरकारी काम काज में आसानी से अपना सकेंगें.्डॉ शर्मा ने कहा कि उन का अनुभव हैं कि सरकारी निर्देशों के अनुरूप सरकारी कर्मी हिंदी को ज्यादा से ज्यादा अपनाना चाहते हैं. यह पुस्तक चार विभिन्न मंत्रालयों में कार्य करने का गहन अनुभव हैं. पुस्तक उन के प्रशासनिक अनुभव का निचोड़ हैं, निश्चय ही उनके इस अनुभव की जमा-पूंजी के रुप में इस पुस्तक को देखा, पढ़ा जा सकता है.
डॉ. शर्मा ने बताया कि दरअसल वर्ष 2018 में जब केंद्र सरकार के कुछ कार्यालयों द्वारा सभी विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं में बहुविकल्पीय प्रश्न पत्र तैयार करने संबंधी निर्णय लिया गया था, तब से उन के मन में यह विचार था कि एक ऐसी लघु पुस्तिका तैयार की जाए, जिसमें राजभाषा नीति, नियम और हिंदी साहित्य को शामिल किया गया हो, ताकि विभागीय पदोन्नति परीक्षा में भाग लेने वाले कार्मिकों को राजभाषा नियमों संबंधी सभी प्रश्न एक स्थान पर उत्तर सहित मिल सकें। इस पुस्तक में राजभाषा नियम और हिंदी साहित्य से संबंधित 1025 प्रश्नों (एक सही विकल्प सहित कुल 4 विकल्प) को संकलित किया गया है.
डॉ. शर्मा ने बताया कि राजभाषा स्पर्धा पुस्तक का दायरा महज़ राजभाषा कर्मियों की पदोन्नति परीक्षाओं तक सीमित नहीं है; अपितु यह उन कर्मियों के लिए भी उपयोगी है जो अन्य विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, जैसा कि सरकार के अद्यतन आदेशों के तहत विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं में भी कुल अंक के 10 प्रतिशत प्रश्न राजभाषा नीति, कार्यान्वयन से सम्बंधित पूछना अनिवार्य है.
गौरतलब हैं कि रेल मंत्रालय की नीति के अनुसार अब विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं के स्वरूप में पूरी तरह से बदलाव किया गया है.अब इस प्रकार की परीक्षाएं वर्णनात्मक न होकर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के रुप में होंगी,लेकिन कुछ कर्मी अभी नये प्रशन पत्रों का स्वरूप नही समझ पायें हैं, जिस की वजह से अनेक भ्रातियॉ हैं और कई मर्तबा कर्मचारी ये परीक्षायें उतीर्ण नहीं कर पाते हैं.ऐसे में यह पुस्तक गुरू मंत्र मानी जा सकती हैं.वी एन आई
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