नई ,दिल्ली 14 दिसंबर(वीएनआई) दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच शक्तियों को लेकर चल रही खींच तान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनी हुई सरकार के पास कुछ शक्तियां होनी चाहिए नहीं तो सरकार काम नहीं कर पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध मे एक मामले मे कहा, ये सही बात है कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है लेकिन इसके लिए विशेष प्रावधान हैं.
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि फिलहाल वे हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाते हुए कुछ राहत दिल्ली सरकार को दे, इनमें उस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई जाए जिसमें कहा गया कि कोई भी निर्णय उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना ना हो और वे फिलहाल मंत्रीमंडल की सलाह और मदद से काम करें
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच चल रहे टकराव को लेकर कोर्ट ने चिंता जाहिर की. कोर्ट ने कहा कि केस में दिल्ली सरकार और केंद्र से दो वकील आ जाते हैं और दोनों कहते हैं कि वो दिल्ली सरकार के लिए बहस करेंगे. दिल्ली सरकार ने दलील दी कि राजधानी में काम करीब करीब बंद हो गया है, कोई अफसर सरकार की बात सुनने को तैयार नहीं है. यहां तक कि सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नियुक्ति या ट्रांसफर नहीं कर पा रही है.
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि करीब 400 फाइलों की जांच के लिए बनाई गई शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर भी रोक लगाई जाए.
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए 31 अगस्त और दो सितंबर के बीच छह याचिकाएं दाखिल की थीं. सुप्रीम कोर्ट इस पर 18 जनवरी को सुनवाई करेगा.