शिकागो, 8 मई । परिधान वास्तव में किसी कलाकार के किरदार को जीवंत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डिजाइनर सोनू मिश्रा ने ऑस्कर विजेता अभिनेता जेओफ्री रश द्वारा निभाए गए अल्बर्ट आइंस्टीन के किरदार के लिए परिधान डिजाइन करने का काम हाल ही में पूरा किया है।
नेशनल जियोग्राफिक चैनल के चर्चित शो 'जीनियस' में अल्बर्ट आइंस्टीन के किरदार के लिए परिधान डिजाइन करते समय मिश्रा ने उस समय की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए वास्तविकता का पुट लाने का प्रयास किया है।
इस शो का निर्देशन ऑस्कर विजेता निर्देशक रॉन हॉवर्ड ने किया है। उन्होंने वास्तविक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए मिश्रा से परिधान डिजाइन करने के लिए कहा था। इसके लिए मिश्रा ने 1886 से 1955 के बीच आइंस्टीन के समय के कपड़ों की शैली, सांस्कृतिक बदलाव आदि का बारीकी से अध्ययन किया।
मिश्रा का कहना है कि उन्होंने न सिर्फ कपड़े डिजाइन किए, बल्कि कपड़ों के जरिए उस समय को फिर से पेश किया।
मिश्रा ने रोम से आईएएनएस को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, "मुझे विभिन्न किरदारों के सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखना पड़ा, जो उनके हैट और अन्य एक्सेसरी के साथ उनके परिधान में परिलक्षित होता है। जो शख्स वास्तविक जीवन में जैसा था, हमने उसी के आधार पर परिधानों की शैली का चयन किया है।"
डिजाइनर ने कहा कि उनके लिए कई चीजों को रंगने जैसा था। आइंस्टीन का किरदार हालांकि मुख्य फोकस था, लेकिन उन्हें अन्य महान वैज्ञानिकों जैसे मैक्स प्लैंक, नील्स बोर और मेरी क्युरी के किरदारों के लिए भी परिधान डिजाइन करने पड़े। ये सभी अद्भुत शख्सियते हैं, जिनके व्यक्त्वि को उनके कपड़ों के जरिए भी पेश किया गया है।
कपड़ों के साथ ही मेकअप पर भी ध्यान दिया गया है।
उस समय की पृष्ठभूमि के संबंध में जानकारी जुटाने के दौरान मिश्रा ने 19वीं और 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप के विद्यार्थियों द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों और उनकी शैली के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की, जो फार्मल और क्लासकिल स्टाइल के कपड़े पहनने के लिए जाने जाते थे और यह आइंस्टीन के बारे में भी सच है, हालांकि उन्हें खुद मे खोया रहने वाला शख्स माना जाता था।
सही वस्त्रों का चयन करने के साथ ही मिश्रा ने कॉलर, हैट, टाई, बेल्ट और गुलूबन्द की डिजाइन में भी हर बात का ख्याल रखा है। उन्होंने लिनेन, सूती, गाबर्डीन और कॉरडरॉय कपड़े का भी इस्तेमाल किया है।
मिश्रा से जब पूछा गया कि फिल्मों और टीवी शो के लिए कपड़े डिजाइन करने में क्या फर्क है? तो उन्होंने कहा कि टीवी शो में काफी एकाग्र होकर काम करना पड़ता है, क्लोज-अप दृश्यों के दौरान शरीर के ऊपरी हिस्से पर ध्यान दिया जाता है, जबकि फिल्मों में हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी व्यापक रूप से ध्यान दिया जाता है।
मिश्रा की फिलहाल भारतीय परियोजनाओं से जुड़ने की कोई योजना नहीं हैं, क्योंकि उनकी झोली कई यूरोपीय और अमेरिकी परियोजनाओं से भरी हुई है।
टीवी शो और फिल्मों के अलावा मिश्रा ने कई सारे अंतर्राष्ट्रीय विज्ञापनों के लिए भी परिधान डिजाइन किए हैं, जिनमें एक विमानन कंपनी और एक शराब कंपनी तथा पोस्ट-पे कार्ड का एक ब्रांड शामिल हैं।--आईएएनएस