बिस्वजीत चौधरी
नई दिल्ली, 5 मार्च (वीएनआई )। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली एक जानी मानी CO. का मानना है कि नोटबंदी से सौर बिजली की दरें और कम होंगी, क्योंकि नोटबंदी की वजह से बैंकों से कर्ज मिलना आसान हुआ है।
छतों पर सौर पैनल लगाकर बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी 'सनसोर्स एनर्जी' के अध्यक्ष कुशाग्र नंदन का कहना है कि पिछले महीने नीलामी में सौर बिजली की दरें पहले से ही गिरकर तीन रुपये प्रति यूनिट हो चुकी हैं, जिसमें और गिरावट की संभावना है।
कुशाग्र ने आईएएनएस को बताया, "नोटबंदी के कारण उद्योग जगत को कर्ज सस्ते दर पर मिलने लगा है।"
सनसोर्स एनर्जी की 14 राज्यों में करीब 100 सौर ऊर्जा परियोजनाएं या तो स्थापित हो चुकी हैं या उन पर काम चल रहा है।
कुशाग्र ने बताया, "यहां तक कि खुदरा दरों को लेकर काफी प्रतिस्पर्धा की स्थिति है, क्योंकि सौर ऊर्जा की टैरिफ दरें 5 से 6.5 रुपये प्रति किलोवाट तक गिर चुकी हैं। टैरिफ दरों में और गिरावट आएगी।"
पिछले महीने विदेशी कंपनियों सहित सौर ऊर्जा की अग्रणी कंपनियों को मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट का सोलर पार्क विकसित करने के लिए अलग-अलग ठेके मिले। इन ठेकों को हासिल करने के लिए कंपनियों ने तीन रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली आपूर्ति करने का दावा पेश किया।
कुशाग्र का कहना है कि बैंकों में बहुत बड़ी मात्रा में धनराशि आ चुकी है, जिससे वे सस्ते दरों पर कर्ज दे रही हैं। यह देश के उद्योग जगत के लिए उत्साहवर्धक स्थिति है।
उन्होंने कहा, "निवेशक सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं, क्योंकि इस क्षेत्र से 13-15 फीसदी प्रति वर्ष का रिटर्न मिल रहा है, जबकि एफडी के जरिए किए गए निवेश में रिटर्न का प्रतिशत एक संख्या में रहता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश पर अलग से छूट दे रही है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, जहां सभी स्थापित होना चाह रहे हैं। भारत तेजी से सौर ऊर्जा का बड़ा बाजार बन चुका है, जहां लोग समझने लगे हैं कि सौर ऊर्जा संरक्षण का एक अच्छा साधन है।"
कुशाग्र ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र को सबसे सस्ती दरों पर बिजली मिलती है, वहीं आवासीय उपयोग की बिजली की दरें चार से आठ रुपये प्रति यूनिट हैं और वाणिज्यिक उपयोग की बिजली छह से 14 रुपये प्रति यूनिट की दर पर उपलब्ध है।
सरकार ने 2022 तक देश में सौर ऊर्जा का उत्पादन 100 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
नोएडा स्थित कंपनी सनसोर्स की स्थापना अमेरिका के शिक्षा प्राप्त कुशाग्र और आदर्श दास ने मिलकर की। कुशाग्र और आदर्श ने 2010 में सरकार द्वारा सौर ऊर्जा योजना की घोषणा के तहत यह कंपनी शुरू की और आज सोलरसोर्स 100 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनी बन चुकी है।
कुशाग्र का कहना है कि उनका लक्ष्य 2020 तक कंपनी का कारोबार बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने की है।