नई दिल्ली,11 अगस्त(जेसुनील,वीएनआई) दुनिया मे जहां हर जगह चार मिनट मे एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना मे मारा जाता है वही भारत मे यह ऑकड़ा प्रत्येक एक मिनट मे एक व्यक्ति है... एक और ऐसा ही दुखद ऑकड़ा... कुल सड़क दुर्घटनाओ मे 22.6% भारी वाहन इनका शिकार होते है और इन वाहनो की दुर्घटनाओ का मौत का ऑकड़ा 28.75 है जो कि इन दुर्घटनाओ की श्रेणी मे सबसे ज्यादा है.एक सर्वेक्षण के इन दुखद ऑकड़ो के बीच यह खबर शायद राहत दे कि दिन रात सड़को पर रात-बेरात टृक चला कर जिंदगी की गाड़ी खींचने वाले टृक ड्राइवरो के लिये सड़को को सुरक्षित व सफर कम तकलीफ बनाने, उनकी खैरियत पर खास तवज्जो देने के साथ ही वाहनो की वजह से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करके के लिये एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की गई है. इसके तहत ही स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ते हुए उनके लिये ई-शौचालयों बनाये जाने की योजना भी शामिल है. देशभर में भीड़भाड़ वाले ट्रांसपोर्ट नगरों में ई-शौचालयों व पोर्टा केबिन स्थापित करने का काम शुरू किया गया है। पहले चरण में 13 ट्रांसपोर्ट नगरों की पहचान की गई है जहां स्थायी पोर्टा केबिन और ई-शौचालय स्थापित किए जा रहे है. एनबीएफसी मैग्मा फिनकार्प लिमिटेड और सरकार की पेट्रोलियम संरक्षण उपक्रम अनुसंधान एसोशियेशन-पीसीआरए ने मिल कर यह परियोजना शुरू की है. इसके साथ ही इस परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण हेतु एक बड़े कदम बतौर ट्रक ड्राइवरों को सुरक्षित वाहन चलाने का प्रक्षिशण दिया जायेगा जिससे डीजल बचेगा, प्रदूषण कम होगा यानि 40 लाख लीटर डीजल बचाने का लक्षय ,साथ ही ट्रको से निकलने वाले 10,000 टन कारबन का प्रदूषण भी कम होगा.
नई दिल्ली मे आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पीसीआरए के कार्यकारी निदेशक नीलकंठ एस अवाद तथा मैग्मा फिनकार्प लिमिटेड सेल्स अधिकारी सचिन खंडेलवाल ने कहा कि‘ट्रकर्स कल्याण’ अभियान के पहले चरण में एक लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। इस प्रशिक्षण के तहत पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त बनाने, ट्रक ड्राइवरों व मालिकों के समुदाय की कार्यक्षमता बढ़ाने एवं सुरक्षित वाहन चलाने का कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में भारत सरकार के प्रतिष्ठान पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के साथ गठबंधन करने वाली कंपनी मैग्मा फिनकार्प देश में 11 ट्रांसपोर्ट नगरों में 8,000 से अधिक ट्रक ड्राइवरों को पहले ही प्रशिक्षण दे चुकी है। दोनो संस्थानो द्वारा जारी ऑकड़ो के अनुसार देश मे अंदाजन 50-60 लाख ट्रक ड्राइवर है. एक ट्रक ड्राइवर औसत एक माह मे 4000-8000 किलो मीटर की यात्रा अपने टृको से तय करते है. लगातार सफर् मे रहने , रास्ते मे खराब खान पान अव्यवस्थित जीवन की वजह से होने वाली बीमारियो के साथ उबड़ खाबड़ असुरक्षित सड़के पर इनका सफर जानलेवा मौत के कुओं से गुजरता है और फिर इस सफर की वजह से इनके वाहन बुरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण भी फैलाते है