लखनऊ 17 सितंबर (वीएनआई) एक बेहद चौंकाने वाली पर सच्ची खबर इन दिनो सभी अखबारों की सुर्खिया बन रही है, दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय में 10 अगस्त को निकाले गये 368 चपरासी के पदों के लिये कुल 23 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं यानि हर पद के लिए 6 हजार से अधिक आवेदन । हैरान करने वाली बात यह है कि इन आवेदकों में 255 पीएचडी उपाधिधारकों के अलावा, डेढ लाख से ऊपर स्नातक और लगभग 25 हजार एमए, एमएसी हैं, जबकि नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता पांचवी पास होना है, कक्षा पांच पास आवेदन कर्ता तो केवल 53000 ही हैं, गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश सरकार की तरफ से हाल ही में सचिवालय में 5200-20200 रुपये के वेतनमान में चपरासियों के 368 पदों पर नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे गए थे। आयु सीमा 18 से 40 वर्ष और आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 सितंबर तय थी। विधान सभा सचिवालय में 10 साल के बाद चपरासियों की नियुक्तिया निकाली थीं
उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 21.5 करोड़ है. जबकि लखनऊ शहर की आबादी लगभग 28 लाख है. इससे बेरोज़गारी की क्या स्थिति है इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है.
एक पीएचडी उपाधिधारक आवेदक के अनुसार 'मंदी की वजह से मार्किट में नौकरियां नहीं हैं। ऐसे में कितने दिन बेरोजगार रहा जा सकता है। सोचा कि खाली रहने से बेहतर है कि चपरासी का ही काम कर लें।' बीटेक कर चुके सुनील कुमार के अनुसार 'लगता है दुनिया में नौकरी से दुर्लभ कुछ भी नही है, आजकल नियुक्तियों के वि्ज्ञापन एक टूटते तारे की तरह नज़र आते हैं जिनका दिखना मुरादें पूरी करता है, चाहे वह वि्ज्ञापन चपरासी की भर्ती के लिये ही क्यों न हो, ' यशवर्धन जिन्होने एमबीए किया है , कहते है 'अपनी नौकरी की चिन्ता में माता पिता को खाक होते देख रहा हूं, चपरासी गिरी ही मिले पर इससे ज़िन्दगी कुछ तो आसान आसान हो्गी...
उत्तर प्रदेश के साथ पूरे भारत मे ही बेरोज़गार की फौज खड़ी हो चुकी है,पिछले महीने, छत्तीसगढ़ जैसे कम आबादी वाले राज्य में चपरासी के 30 पदों के लिए 75 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे। आखिरकार राज्य सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी। यहां भी आवेदन के लिए योग्यता पांचवी पास रखी गयी थी, लेकिन पीएचडी, बी टेक और स्नातक कर चुके युवाओं के आवेदन प्राप्त हुए थे।
ऐसी ही तस्वीर देश के सबसे विकसित माने जाने वाले गुजरात में भी देखने को मिली थी। पिछले साल पटवारी के 800 पदों के लिए 8 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए थे।
उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने प्रोबेशनरी ऑफिसर के 1500 पदों के लिए आवेदन मंगाया था जिसमें 17 लाख युवाओं का आवेदन प्राप्त हुआ था।