मखदूम मोहिउद्दीन (4 फ़रवरी 1908 - 25 अगस्त 1969), वे भारत से उर्दू के एक शायर थे! थे ! वे राजनिति से भी जुड़े थे ! वह बिसात्-ए-रक्स ("द डांस फ़्लोर") नामक कविताओं के संग्रह के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जिसके लिए उन्हें उर्दू में 1969 साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके प्रकाशित कार्यों में निबंध टैगोर और उनके कविता, एक नाटक, होश के नाखुन (" अनवरलिंग "), शॉ के विधवाओं के सदनों का एक अनुकूलन, और गद्य निबंधों का संग्रह शामिल है। बिसाट-ए-रक्स मखदूम की कविता का पूरा संग्रह है जिसमें उनके दो पहले संग्रह सुर्ख सवेरा (1944) और गुल-ए-तर (1961) शामिल हैं। उन्हें शायर-ए-इंक्विलाब (क्रांति का कवि) कहा जाता है। कई हिंदी फिल्मों में उनके गज़लों और गीतों का इस्तेमाल किया गया है। उनके उल्लेखनीय रोमांटिक गज़ल हैं;
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