नयी दिल्ली 01 -08-2017,सुनील कुमार ,वी एन आई
जिंदगी खुद एक किताब है
इसके सबक पढ़ कर नहीं,
जी कर , सीखे जाते हैं
खुशनुमा लम्हे ज्यादा नहीं सिखा पाते
हाँ उदास लम्हे बहुत कुछ सिखा जाते हैं
No comments found. Be a first comment here!
Posted on 13th Apr 2016
Posted on 23rd Nov 2019
Posted on 25th Jul 2016