नयी दिल्ली 01 -08-2017,सुनील कुमार ,वी एन आई
जिंदगी खुद एक किताब है
इसके सबक पढ़ कर नहीं,
जी कर , सीखे जाते हैं
खुशनुमा लम्हे ज्यादा नहीं सिखा पाते
हाँ उदास लम्हे बहुत कुछ सिखा जाते हैं
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