साहित्यकार अज्ञेय

By Shobhna Jain | Posted on 7th Mar 2018 | साहित्य
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सुनील कुमार ,वी एन  आई ,नयी  दिल्ली 07 -03-2018

 

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'  का  जन्म 7 मार्च, 1911 को  कुशीनगर उत्तर  प्रदेश  में  हुआ - मृत्यु: 4 अप्रैल, 1987 नई दिल्ली में हुई ! अज्ञेय को प्रतिभासम्पन्न कवि,  साहित्यकार    कथाकार, निबन्धकार, सम्पादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है।

 

अज्ञेय का कृतित्व बहुमुखी है और वह उनके समृद्ध अनुभव की सहज परिणति है। अज्ञेय की प्रारंभ की रचनाएँ अध्ययन की गहरी छाप अंकित करती हैं या प्रेरक व्यक्तियों से दीक्षा की गरमाई का स्पर्श देती हैं, बाद की रचनाएँ निजी अनुभव की परिपक्वता की खनक देती हैं। और साथ ही भारतीय विश्वदृष्टि से तादात्म्य का बोध कराती हैं।  अज्ञेय ने अभिव्यक्ति के लिए कई विधाओं, कई कलाओं और भाषाओं का प्रयोग किया, जैसे कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, यात्रा वृत्तांत, वैयक्तिक निबंध, वैचारिक निबंध, आत्मचिंतन, अनुवाद, समीक्षा, संपादन। उपन्यास के क्षेत्र में 'शेखर' एक जीवनी हिन्दी उपन्यास का एक कीर्तिस्तंभ बना। नाट्य-विधान के प्रयोग के लिए 'उत्तर प्रियदर्शी' लिखा, तो आंगन के पार द्वार संग्रह में वह अपने को विशाल के साथ एकाकार करने लगते हैं।

 


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