रौशनी
महज , रौशनी नहीं ,
वो एक योद्धा है
जो अँधेरे की सल्तनत
की चुनौती देती है
निहथ्थी है ,
सीने में आग लिए है ,
जिंदगी का पैगाम लिए है।
अंधेरों की कई बस्तियां
एक रौशनी से हार जाती हैं
दास्ताँ वही है ,कहानी वही है कि ,
सच की लड़ाई अकेले ही लड़ी जाती है
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