तेहरान 3 जनवरी (वीएनआई) सऊदी अरब में शिया धर्मगुरू अल निम्र को सज़ा-ए-मौत दिए जाने के बाद से शिया समुदाय में रोष बढ़ता जा रहा है, फांसी दिए जाने का विरोध कर रहे ईरान के प्रदर्शनकारियों ने कल देश के मशहद शहर स्थित सऊदी अरब के वाणिज्यदूतावास के कुछ हिस्सों में आग लगा दी।
समाचार पोर्टल 'तबनाक' के मुताबिक, सऊदी अरब के आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा शनिवार को प्रमुख शिया नेता निम्र अल निम्र सहित 47 लोगों को फांसी देने के ऐलान के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। बताया जाता है की निम्र एक प्रमुख और प्रखर शिया धर्मगुरू थे जो सऊदी अरब की भेदभाव और अलगाव महसूस करने वाले शिया अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते थे.शेख निम्र सऊदी अरब में 2011 में हुए लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के प्रखर समर्थक थे उन्हें सऊदी अरब की राजशाही की आलोचना करने के बाद साल 2012 में हिरासत में ले लिया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सऊदी अरब के वाणिज्यदूतावास के सामने इकट्ठा हो गए और अरब प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की। उन्होंने इमारत से सऊदी अरब के झंडे को नीचे उतार दिया और पटाखे इमारत के परिसर में फेंके, जिससे इमारत के कुछ हिस्सों में आग लग गईसोशल मीडिया पर प्रकाशित तस्वीरों में दूतावास की इमारत के एक हिस्से में आग लगी दिख रही है.
अल निम्र की मौत की निंदा करते हुए ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सऊदी अरब को इसकी क़ीमत चुकानी होगी.प्रभावशाली शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अहमद ख़ातमी ने इसे ऐसा 'अपराध' क़रार दिया, जिससे सऊदी अरब के शाही परिवार का ख़ात्मा हो जाएगा. सुन्नी बहुल सऊदी अरब के प्रतिद्वंदी शिया बहुल ईरान ने अल निम्र को सज़ा-ए-मौत दिए जाने की अधिकारिक निंदा भी की है. सऊदी अरब के शिया बहुल पूर्वी प्रांत, बहरीन और कई अन्य देशों में भी प्रदर्शन हुए हैं.
उनके समर्थकों का कहना है कि सऊदी राज परिवार के ख़िलाफ़ शांतीपूर्ण प्रदर्शनों के लिए उनका 'क़त्ल' किया गया है.उनके समर्थकों का यह भी दावा है कि निम्र अल निम्र ने कभी भी हिंसा की वकालत नहीं की.
दूसरी तरफ शेख निम्र अल निम्र को मौत की सज़ा दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरीका ने कहा है कि इससे नस्लीय तनाव बढ़ने का ख़तरा पैदा हो गया है.
अमरीका ने कहा है कि ऐसे वक़्त में जब तनाव को कम करने की आपात ज़रूरत है तब इससे तनाव बढ़ने का और ज़्यादा ख़तरा पैदा हो गया है.
अमरीका ने सऊदी अरब से शांतीपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की अनुमति देने का आह्वान किया है और सभी समुदायों के नेताओं के साथ मिलकर तनाव कम करने के लिए कहा है.