संयुक्त राष्ट्र, 17 सितम्बर (वीएनआई)| संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि म्यांमार की नेता आंग सान सू की के पास सेना की आक्रामक कार्रवाई को रोकने का 'एक अंतिम अवसर' है, जिसने हजारों रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश भागने को मजबूर किया है।
गुटेरेस ने शनिवार की रात बीबीसी से कहा कि सू की के पास अभियान को रोकने का एक अंतिम मौका है। उन्होंने कहा, "यदि वह मौजूदा हालात को नहीं बदलती हैं, तब मेरा मानना है कि त्रासदी बेहद भयावह होगी और दुर्भाग्य से तब मुझे नहीं पता कि इसे भविष्य में कैसे बदला जा सकेगा। महासचिव ने फिर से कहा कि रोहिंग्या लोगों को वापस घर लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि म्यांमार की सेना को देश में अभी भी 'प्रमुखता' प्राप्त है व रखाइन राज्य में जमीनी तौर पर जो किया जा रहा उसके लिए दवाब डाला जा रहा है। रखाइन राज्य में 25 अगस्त को रोहिंग्या विद्रोहियों द्वारा पुलिस जांच चौकी पर हमला करने व 12 सुरक्षा कर्मियों की हत्या किए जाने के बाद यह संकट पैदा हुआ।
नोबेल पुरस्कार विजेता सू की को रोहिंग्या के मुद्दे पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सू की न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग नहीं लेंगी, जो सोमवार से शुरू होगी। सू की ने कहा है कि आतंकवादियों के हितों को बढ़ावा देने वाली फर्जी खबरों से तनाव को बल मिल रहा है। गुटेरस की यह चेतावनी बांग्लादेश द्वारा यह कहे जाने के बाद आई है कि वह म्यांमार से भागकर आए 400,000 रोहिंग्याओं के आगमन की प्रक्रिया को अब सीमित कर रहा है। बौद्ध बहुल रखाइन में राज्यविहीन ज्यादातर मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या लंबे समय से उत्पीड़न झेल रहें है। म्यांमार इन्हें अवैध प्रवासी बताता है।
No comments found. Be a first comment here!