अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 2015 मे अमरीका की पूर्ण सहमति से जल वायु परिवर्तन पर हुए 'ऐतिहासिक पेरिस समझौते' से हटने का एलान किया-अमरीका और विकसित देशो ने जताया 'अफसोस' कहा पर्यावरण संरक्षण को बड़ा झटका

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Jun 2017 | विदेश
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वाशिंगटन/नई दिल्ली 2 जून (वीएनआई) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज 2015 मे अमरीका की पूर्ण सहमति से हुए जल वायु परिवर्तन 'ऐतिहासिक पेरिस समझौते' को अमरीकी हितो के खिलाफ बताते हुए समझौते से अमेरिका के हट जाने का एलान कर दिया है जिसे पर्यावरण संरक्षण के लिये एक बड़ा आघात बताया जा रहा है. विश्व समुदाय विषेष कर योरोपीय यूनियन सहित विकसित देशो ने अमरीका के इस फैसले पर अफसोस जताया है तहा कहा है कि इस समझौते पर दोबारा विचार विमर्श नही किया जाना चाहिये ्ट्र्ंप का कहना है कि चीन और भारत जैसे देशों को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा होने की दलील देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है. उनका कहना है अमरीका इस समझौते के नये प्रारूप पर विचार कर सकता है जिस मे अमरीकी हितो का ख्याल रखा जाये. उन्होने कहा" यह नया समझौता हो तो अच्छा है न/न हो तो भी अच्छा है'इस समझौते के तहत कार्बन एमिसन ,जो कि अमरीका मे प्रति व्यक्त सबसे ज्यादा है, उसे इस एमीशन के लिये जुर्माना देना होगा, जिस पर टृंप ने विरोध जताया है वैसे विशेषज्ञो का मानना है कि अमरीका को इस समझौते से निकलने मे चार वर्ष लगेंगे और अगली बार वे फिर से राष्ट्रपति बनते है तो निश्चित तौर पर अमरीका इस समझौते से बाहर निकल जायेगा अन्यथा एक अनिश्चय की स्थति बन जायेगी श्री टृंप ने कहा कि पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान 190 देशों के साथ किए गए इस समझौते पर फिर से बातचीत करने की जरूरत है. चीन और भारत जैसे देशों को पेरिस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा होने की दलील देते हुए ट्रंप ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है क्योंकि इससे उद्योगों और रोजगार पर बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि भारत को पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने के लिए अरबों डॉलर मिलेंगे और चीन के साथ वह आने वाले कुछ वर्षों में कोयले से संचालित बिजली संयंत्रों को दोगुना कर लेगा और अमेरिका पर वित्तीय बढ़त हासिल कर लेगा. व्हाइट हाउस से इस फैसले की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें पिट्सबर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचित किया गया है ना कि पेरिस का. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका के कारोबारी और कामगारों के हितों की रक्षा करने के लिए यह निर्णय ले रहे हैं. उन्होंने कहा, ''मैं हर दिन इस देश के अच्छे लोगों के लिए लड़ रहा हूं. अत: अमेरिका और उसके नागरिकों की रक्षा करने के अपने गंभीर कर्तव्य को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हटेगा लेकिन उन शर्तों के साथ पेरिस समझौते या पूरी तरह से नए समझौते पर बातचीत शुरू करेगा जो अमेरिका, उसके उद्योगों, कामगारों, लोगों और करदाताओं के लिए उचित हों.'' ट्रंप ने कहा, ''हम इससे बाहर हो रहे हैं लेकिन फिर से बातचीत शुरू करेंगे और हम देखेंगे कि क्या हम एक ऐसा समझौता कर सकते हैं जो उचित हो. अगर हम कर सकें तो यह अच्छा होगा और अगर नहीं कर सकें तो भी कोई बात नहीं. राष्ट्रपति के तौर पर मैं अमेरिकी नागरिकों के भले से पहले किसी और चीज के बारे में नहीं सोच सकता.उन्होंने कहा कि वह नए सिरे से एक नया समझौता करेंगे जो अमेरिकी हितों की रक्षा कर सके। विशेषज्ञो के अनुसार के यह फैसला उन प्रयासों को झटका है जिसके तहत अमेरिका के इस समझौते से जुड़े रहने पर ट्रंप से निरंतर आह्वान किया जा रहा था।दुनियाभर के 195 देश इस समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा, अमेरिका और यहां के नागरिकों को सुरक्षित रखने के अपने कर्तव्य को देखते हुए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलेगा लेकिन हम अमेरिकी हितों को देखते हुए नए समझौते पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, "हम इस समझौते से बाहर निकल रहे हैं।" अमेरिका के इस समझौते पर बने रहने के लिए कई विदेशी नेताओं, कारोबारियों और यहां तक की ट्रंप की बेटी ने भी उनसे अनुरोध किया था कि अमेरिका इस समझौते से जुड़ा रहे।अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों, उद्योग और व्यापार जगत के अनेक शीर्ष नेताओ ने भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने के फैसले पर असहमति जाहिर की। मीडिया रिपोर्टो के अनुसार टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने ट्रंप की कारोबारी सलाह के दो परिषदों से इस्तीफा दे दिया। मस्क ने ट्रंप के ऐलान के बाद ट्वीट कर कहा, मैं राष्ट्रपति की कारोबारी सलाह परिषदों से इस्तीफा दे रहा हूं। जलवायु परिवर्तन वास्तविक मुद्दा है। पेरिस समझौते से अमेरिका का बाहर निकलना सही नहीं है। मस्क ने पहले भी कहा था कि यदि ट्रंप इस समझौते से बाहर निकलते हैं तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। मस्क ट्रंप की मुख्य कारोबारी सलाहकार परिषद के 18 सदस्यों में से एक है। वह राष्ट्रपति की विनिर्माण रोजगार अभियान के भी सलाहकार हैं। डिजनी के सीईओ बॉब इगर ने भी गुरुवार को कहा कि वह भी ट्रंप के फैसले के बाद स्ट्रैटजिक एंड पॉलिसी फोरम से इस्तीफा देने जा रहे हैं। इगर ने ट्वीट कर कहा, नैतिक आधार पर मैं राष्ट्रपति की परिषद से इस्तीफा दे रहा हूं।

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