इस्लामाबाद, 31 मार्च (वीएनआई)| नोबेल पुरस्कार विजेता युवा शैक्षिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पांच साल से भी अधिक समय बाद स्वात घाटी में स्थित अपने घर पहुंचीं, जहां तालिबान ने उन्हें सिर में गोली मारी थी।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मलाला यूसुफजई (20) अपने माता-पिता, सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब और अन्य के साथ कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह मिंगोरा में अपने पारिवारिक घर पहुंचीं। अक्टूबर 2012 में मलाला जब 15 साल की थीं और स्कूल से लौट रही थीं, तभी उन पर हमला किया गया था। पाकिस्तान के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचीं मलाला ने मिंगोरा के बाहरी इलाके में करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित स्वात कैडेट कॉलेज का दौरा करने से पहले अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मुलाकात की।
यूसुफजई गुरुवार तड़के पाकिस्तान पहुंचीं। बाद में उन्होंने इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक भावुक भाषण दिया और कहा कि 'बिना किसी डर के लौटना' उनका सपना था। उन्होंने कहा, हमेशा से मेरा यह सपना रहा है कि मुझे पाकिस्तान जाना चाहिए और वहां शांति और बिना किसी डर के मैं सड़कों पर घूम सकूं। लोगों से मिल सकूं, लोगों से बातें कर सकूं। इस बीच, शुक्रवार को जियो टीवी पर प्रसारित एक साक्षात्कार में मलाला ने कहा कि पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद उनका इरादा स्थायी रूप से पाकिस्तान लौटने का है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रा ने कहा कि साल 2012 के पाकिस्तान और मौजूदा पाकिस्तान के बीच निश्चित रूप से फर्क है। वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होने की इच्छा भी जता चुकी हैं। मलाला की सोमवार को ब्रिटेन लौटने की योजना है।
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