वाशिंगटन, 10 अगस्त (वीएनआई/आईएएनएस)| भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल विवाद के मुद्दे पर हाल ही में वाशिंगटन में हुई नवीनतम चरण की बातचीत के बाद इस विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकलने की उम्मीद जगी है। एक शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ ने यह कहा।
'डॉन' ने आज अपनी रिपोर्ट में बताया कि दो सप्ताह पहले अपने मुख्यालय में इस वार्ता की मेजबानी करने वाले विश्व बैंक ने एक अगस्त को एक प्रेस रिलीज में इस सकारात्मक बदलाव का जिक्र करते हुए कहा है कि 'बैठकें' सद्भावना और सहयोग की भावना के साथ आयोजित हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच किशनगंगा (330 मेगावॉट) और रातले (850 मेगावॉट) जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर विवाद जारी है, जिसका निर्माण भारत कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि दोनों परियोजनाओं का तकनीकी डिजाइन सिंधु जल संधि समझौते का उल्लंघन है।
भारत-पाकिस्तान जल विवाद पर वार्ता की बारीकी से निगरानी करने वाले एक विशेषज्ञ ने 'डॉन' को बताया कि कई वर्षो में यह पहली बार है, जब दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सकारात्मक वार्ता हुई है। विशेषज्ञ ने बताया कि पहले हुई वार्ताओं के दौरान ऐसा भी हुआ है जब दोनों पक्षों के बीच औपचारिक अभिवादन तक नहीं हुआ। सिंधु जल समझौता विश्व बैंक के सहयोग से भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल तक हुई बातचीत के बाद 1960 में हुआ था। विश्व बैंक के अनुसार, दोनों पक्ष इस मसले पर अगले महीने वार्ता करने के लिए तैयार हो गए हैं।
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