नई दिल्ली, 6 सितम्बर (वीएनआई)| भारत और जापान ने सामूहिक रूप से उत्तर कोरिया के तीन सितंबर के परमाणु परीक्षण की निंदा की। भारत-जापान वार्षिक रक्षा मंत्रालयी संवाद के बाद आज एक संयुक्त बयान जारी कर इसकी निंदा की गई।
यह दो दिवसीय संवाद पांच-छह सितंबर को टोक्यो में आयोजित किया गया, जिसमें रक्षामंत्री अरुण जेटली व उनके जापानी समकक्ष इत्सुनोरी ओनोडेरा ने भाग लिया। (यद्यपि रविवार को मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में सीतारमण को नया रक्षामंत्री बनाया गया है, लेकिन जेटली ने कहा था कि वह इस संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, जापानी प्रधानमंत्री के दौरे से पहले यह सुरक्षा वार्ता दोनों देशों के बीच बहुत महत्वपूर्ण है और इसलिए इसमें परिवर्तन उचित नहीं है। मैं वार्ता को पूरा करने के लिए अगले दो दिनों तक इसे जारी रखूंगा और सीतारमण वार्ता के समाप्त होने के बाद मंत्रालय का प्रभार संभाल लेंगी।) बयान में कहा गया है कि मंत्रियों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में वर्तमान सुरक्षा हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बयान में कहा गया है, "भारत-जापान ने तीन सितंबर, 2017 को उत्तर कोरिया द्वारा किए गए परमाणु परीक्षण की निंदा की। यह परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों सहित अंतर्राष्ट्रीय दायित्यों व प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है।"
संयुक्त बयान में कहा गया है, उत्तर कोरिया इस तरह की कदम को रोके, जो क्षेत्र की शांति व स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। मंत्रियों ने जापान-भारत-अमेरिका के बीच जुलाई 2017 में हुए त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास की सफलता पर संतुष्टि जताई और आगे इस तरह के युद्धाभ्यास के उद्देश्यों को बढ़ाने की मंशा की पुष्टि की। इस बयान में कहा गया है कि ओनोडेरा ने 2018 के मालाबार युद्धाभ्यास के अगले संस्करण में पी-1 सहित अत्याधुनिक जापानी उपकरणों के भाग लेने की मंशा जताई और जेटली ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया।
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