चीन ने कहा डोकलाम सड़क निर्माण के बारे में पहले ही भारत को अवगत कराया

By Shobhna Jain | Posted on 2nd Aug 2017 | विदेश
altimg

बीजिंग, 2 अगस्त (वीएनआई)| चीन ने आज कहा कि सीमा पर डोकलाम में सड़क निर्माण गतिविधि के बारे में उसने भारत को पहले ही सूचित कर दिया था, साथ ही भारतीय सैनिकों को वहां से हटाने की मांग एक बार फिर दोहराई। 

चीन ने पहले ही कहा है कि वह भारत से तब तक बात नहीं करेगा, जब तक कि वह अपने सैनिकों को यहां से नहीं हटाता। चीन ने यह भी संकेत दिया कि सीमा के सिक्किम सेक्टर में विवाद को हल करने के लिए दोनों पक्ष संपर्क में हैं। अपने 15 पन्नों के दस्तावेज में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम में इस गतिरोध के शुरू होने के बाद से भारतीय सैनिकों की संख्या जुलाई के अंत तक 270 से घटकर 40 हो गई है। डोकलाम में 16 जून को चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण को लेकर भारतीय व चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था। डोकलाम पर स्वामित्व पर कोई फैसला न होने का हवाला देते हुए भारतीय सैनिकों ने चीन द्वारा सड़क निर्माण को रोक दिया था। डोकलाम पर चीन व भूटान दोनों ही दावा करता है। भारत भूटान के दावे का समर्थन करता है। मंत्रालय ने कहा, चीन द्वारा अपने क्षेत्र में सड़क निर्माण का उद्देश्य स्थानीय परिवहन में सुधार लाना है, जो पूरी तरह से वैध और न्यायसंगत है। चीन ने सड़क निर्माण में सीमा का उल्लंघन नहीं किया और इस काम में चीन की अच्छी मंशा से भारत को पहले ही अवगत करा दिया गया था।

दस्तावेज में चीन ने भारत के उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें भारत ने कहा है कि चीन सड़क निर्माण के जरिए सीमा क्षेत्र की यथा स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है।  दस्तावेज में कहा गया कि भारतीय सैनिकों की चीनी क्षेत्र में 'घुसपैठ' सीमा की यथास्थिति को बदलने का वास्तविक प्रयास है और इसने चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति व सौहार्द को कमजोर किया है। यह टिप्पणी चीन के 'द फैक्ट्स एंड चाइना पोजीशन कंसरिंग द इंडियन बॉर्डर ट्रप्स क्रॉसिंग ऑफ द चाइना-इंडिया बाउंडरी इन द सिक्किम सेक्टर इंटू द चाइनीस टेरिटरी' नामक दस्तावेज में की गई है। दस्तावेज में चीन ने भारत के इस तर्क को खारिज कर दिया कि भारत, चीन और भूटान की त्रिसीमा (जहां तीनों देशों की सीमाएं मिलती हैं) पर सड़क निर्माण नई दिल्ली की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। 

भारत सड़क को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है, क्योंकि यह उसके बेहद महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी गलियारे के करीब है, जो शेष भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ता है। दस्तावेज के अनुसार, "तथाकथित सुरक्षा चिंताओं के आधार पर किसी भी तरह की गतिविधियों के लिए पड़ोसी देश के क्षेत्र में प्रवेश करना अंतर्राष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानकों के खिलाफ है। किसी भी संप्रभु राष्ट्र द्वारा इस तरह के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए भारत व चीन को दो पड़ोसी देशों के तौर पर इस विवाद को सामान्य तरीके से सुलझाना चाहिए। दस्तावेज के मुताबिक, चीन को भूटान के साथ कोई समस्या नहीं है और दोनों पक्ष सीमा मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहे हैं और भारत को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। दस्तावेज के अनुसार, चीन-भूटान सीमा मुद्दा चीन और भूटान के बीच का मामला है। इसका भारत के साथ कोई लेना-देना नहीं है। तीसरे पक्ष के रूप में भारत को चीन और भूटान के बीच सीमा वार्ता में हस्तक्षेप या उसे बाधित करने का कोई अधिकार नहीं है। 

यह घटना चीन की तरफ सीमांकित सीमा में हुई है। भारत को अपने सैनिकों को फौरन और बिना शर्त वापस अपने क्षेत्र में बुला लेना चाहिए। इस गतिरोध के समाधान के लिए यही एक शर्त और आधार है। बयान के अनुसार, "इस गतिरोध के बाद भी चीन ने अत्यंत सद्भावना और महान संयम दिखाया है और इस मुद्दे को हल करने के लिए राजनयिक वार्ता के माध्यम से भारत के साथ संवाद स्थापित करने की मांग की है। गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने यहां पिछले सप्ताह ब्रिक्स सुरक्षा बैठक से इतर चीन के शीर्ष राजनयिक से मुलाकात की थी।


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Today in History
Posted on 2nd Mar 2025

Connect with Social

प्रचलित खबरें

woolen
Quote of Day -Winter

Posted on 13th Nov 2024

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india