रत्न

By Shobhna Jain | Posted on 4th Mar 2017 | देश
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सुनील कुमार ,वी एन आई ,नयी दिल्ली 04 -03-2017 रत्न की तरह बनें ,बेशकीमती व् दुर्लभ न की पथ्थर, की तरह जो कहीं भी मिल सकता है किसी को भी अपनी चमक कम न करने दें ,बेशक उनको आपकी चमक भा, नहीं रही कठोर शिला बनने की कोशिश न करें ,जबकि आप तो एक रत्न हैं कुछ कमी के साथ रत्न बेहतर है, उस कंकर से जिसमे कोई कमी नहीं

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